भोपाल, राष्ट्रबाण। ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत कार्यक्रम में मंगलवार को भोपाल पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी कहा कि ‘तीन तलाक से इस्लाम का कोई संबंध नहीं है। इसकी वकालत करने वाले वोटबैंक के भूखे हैं। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भड़का रहे हैं। एक घर दो कानूनों से नहीं चल सकता। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बीजेपी भ्रम दूर करेगी। गौरतलब है कि अपने निर्धारित कार्यक्रम के मद्देनजर नरेन्द्र मोदी अपने विशेष विमान से भोपाल पहुंचे। जहां मुख्मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जेपी नड्डा सहित समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। स्वागत बेला के बाद पीएम मोदी अपने निर्धारित कार्यक्रमों में पहुंचे। ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम के बाद बिहार में गैर भाजपा दलों की बैठक पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ‘इन सभी दलों के घोटालों को मिला दिया जाए, तो 20 लाख करोड़ के घोटाले की गारंटी है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ २०२४ में होने वाले विधानसभा चुनाव की शुरूआत पीएम नरेन्द्र मादी ने भोपाल से की। पीएम नरेन्द्र मोदी ने भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से देश में 5 नई वंदे भारत ट्रेन की भी शुरुआत की।
- Advertisement -
तीन तलाक पर पीएम मोदी का तंज
- Advertisement -
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मिस्त्र में 90 प्रतिशत से ज्यादा सुन्नी मुस्लिम हैं। 80-90 साल पहले वहां तीन तलाक की प्रथा समाप्त हो चुकी है। अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है, तो पाकिस्तान, इंडोनेशिया, कतर, जॉर्डन, सीरिया, बांग्लादेश में क्यों नहीं है। जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं, वकालत करते हैं, ये वोटबैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। तीन तलाक से नुकसान का दायरा बड़ा है। बहुत अरमानों से पिता अपनी बेटी को ससुराल भेजता है। 8-10 साल बाद बेटी वापस आती है, तो उसका भाई, पिता सब उसकी चिंता में दुखी हो जाता हैं। तीन तलाक का इस्लाम से संबंध होता तो दुनिया के मुस्लिम बहुल्य देश इसे खत्म नहीं करते। मुस्लिम बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटकाकर कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं।
- Advertisement -
सुको कह रही है कि कॉमन सिविल कोर्ड लाओ: पीएम
- Advertisement -
प्राय: आज हम देखते है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में परिवार के सदस्य के लिए एक कानून हो, परिवार के दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो, तो क्या वो घर चल पाएगा? फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा। भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट कह रही है कि कॉमन सिविल कोड लाओ।