कलेक्टर साहिबा, मुझे न्याय दिला दो ; बीपीएम छपारा ने आशा कार्यकर्त्ता से की 70 हजार ठगी

Rashtrabaan
Highlights
  • आशा कार्यकर्ता से 70 हजार ठगी के मामले में बीपीएम को बचाने उच्च अधिकारी सक्रीय
  • जिला कलेक्टर को तीन बार शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
  • प्रमाणित साक्ष्यों के बाद भी पीड़िता को नहीं मिल रहा न्याय
  • सीएमएचओ की जांच कार्यवाही भी सवाल के घेरे में

छपारा, राष्ट्रबाण। कहने को तो प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के मामले में अपने आपको भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहनशीलता की नीति (zero tolerance policy against corruption) की बात करती है लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार की यह पॉलिसी शून्य है। जिले में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और लोगो को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
ऐसा ही मामला छपारा स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां स्वास्थ्य केंद्र में जन्म से स्थानीय निवासी योगेंद्र सेन जो स्वास्थ्य विभाग में 15 वर्षों से ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर के पद पर आसीन है। उक्त बीपीएम पर पूर्व में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा चुके हैं और बीते माह एक गरीब आशा कार्यकर्ता जनकपुरी डहेरिया ने दर्जनों ऑडियो रिकॉर्डिंग के प्रमाण सहित बीपीएम द्वारा 70 हजार रुपए ठगने की शिकायत जिला कलेक्टर को किया है। फ़िलहाल शिकायत सिफर है अब तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है वह शिकायत कलेक्टर कार्यालय की शोभा बढ़ा रही है। आशा कार्यकर्ता की शिकायत पर सीएमएचओ द्वारा चार सदस्यीय डॉक्टर की टीम से जांच जरूर कराई जा चुकी है लेकिन आज दिनांक तक बीपीएम पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

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जनकपुरी डहेरिया, पीड़ित आशा कार्यकर्त्ता : कलेक्टर साहिबा मुझे न्याय दे दो।

31 मई को जिला कलेक्टर को की गई थी शिकायत

पीड़िता आशा कार्यकर्ता ने 31 मई को तत्कालीन जिला कलेक्टर क्षितिज सिंघल को एक लिखित आवेदन एवं दर्जनों ऑडियो रिकॉर्डिंग की सीडी सहित बीपीएम के द्वारा 70 हजार रुपए नौकरी से निकालने व बचाने की धमकी के माध्यम से वसूलने की प्रमाणित शिकायत प्रस्तुत की गई थी। शिकायत के एक माह बाद 1 जून को सीएमएचओ जयपाल सिंह ठाकुर द्वारा चार सदस्यीय डॉक्टर की जांच टीम से जांच करवाई जा चुकी है लेकिन जांच के पश्चात आज दिनांक तक कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया। जिसके चलते सीएमएचओ पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं कि उनके द्वारा 70 हजार रूपये ठगने के आरोपी बीपीएम को बचाने के प्रयास किये जा रहे हैं। सवाल उठाना लाजमी है बिना आर्थिक लाभ के एक भ्रष्ट बीपीएम को इस तरह छोड़ना भी इस भ्रष्ट तंत्र में मुमकिन नहीं माना जा सकता।

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नवागत कलेक्टर संस्कृति जैन को भी की गई शिकायत

जब पीड़िता द्वारा पूर्व में प्रस्तुत प्रमाणित साक्ष्य सहित शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो पीड़िता को नवागत कलेक्टर से न्याय की उम्मीद जागी ,पीड़िता ने सोचा की एक महिला का दर्द एक महिला आईएएस अधिकारी जरूर समझेगी और पुनः जनसुनवाई और नवागत कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर दोबारा साक्ष्य सहित शिकायत प्रस्तुत किया है। लेकिन पीड़िता की शिकायत पर 15 दिवस बीत जाने के बाद भी बीपीएम पर लगे आरोपों की सत्यता की जांच जिला प्रशासन नहीं करा प् रहा है। पीड़िता नवागत कलेक्टर से न्याय की आशा लगाए हुए है। देखना यह होगा की कलेक्टर संस्कृति जैन ऐसे भ्रष्ट बीपीएम के खिलाफ जांच कर क्या पीड़िता को न्याय दिला पाएंगी?

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भ्रष्टाचार के हमाम में सब नंगे

बीपीएम योगेंद्र सेन ने पीड़िता से 70 हजार रुपए कैसे वसूले, किस तरह प्रताड़ित किया गया है और किस आधार पर नौकरी से निकालने की धमकी व बचाने के नाम पर 70 हजार की ठगी की गई है, किन-किन उच्च अधिकारियों जिसमें सीएमएचओ, डीसीएम, डीपीएम जिला के उच्च अधिकारियों को मैनेज करना पड़ता है यह सब ऑडियो रिकॉर्डिंग में है। इन सब साक्ष्यो के साथ आशा कार्यकर्ता ने दर्जन ऑडियो रिकॉर्डिंग सहित जिला कलेक्टर को 03 बार शिकायत प्रस्तुत कर चुकी हैं लेकिन पीड़िता की शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि जिला में बैठे अधिकारी भी बीपीएम द्वारा लिए गए 70 हजार के लेनदेन में शामिल है शायद इसलिए बीपीएम पर कार्रवाई करने की हिम्मत कोई माईका लाल नहीं जुटा पा रहा है। अब देखना यह है कि वर्तमान जिला कलेक्टर संस्कृति जैन द्वारा प्राप्त शिकायत पर और प्रस्तुत साक्ष्य पर क्या कार्यवाही की जाती है और पीड़िता द्वारा प्रस्तुत ऑडियो रिकॉर्डिंग पर किस तरह से उच्च अधिकारी पर्दा डालते हैं, यह बड़ा ही दिलचश्प होगा।

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