केवलारी नगर परिषद में भ्रष्टाचार का बोलबाला: अध्यक्ष बनी ‘गूंगी गुड़िया’, राज कर रहे हैं पति

केवलारी नगर परिषद में अध्यक्ष सुनीता बघेल के नाम पर विकास कार्य हो रहे हैं, लेकिन नियंत्रण उनके पति देवीसिंह बघेल के हाथ में है। भ्रष्टाचार के आरोपों और शासकीय योजनाओं के दुरुपयोग से नगर की जनता में भारी आक्रोश है।

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सिवनी, राष्ट्रबाण। वैसे तो महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए सरकार राजनीति में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया, जिससे महिलाये राजनीति में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले सके और महिला सशक्त हो सके। लेकिन सरकार के मंसूबो पर पानी फेरते हुए कुछ नेता अपनी पत्नी के पदों का दुरूपयोग कर रहे है। सरपंच, अध्यक्ष पतियों की मनमानी और उनके भ्रष्ट्राचार आय दिन अखबारों की सुर्खियां बनते है। भले ही उनकी पत्नी निर्वाचित हो कर संवैधनिक पदों पर विराजमान हो लेकिन उनके कामो पर नियंत्रण पति का होता है। केवलारी नगर परिषद् में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है।

जिला मुख्यालय अंतर्गत आने वाला विकासखंड केवलारी से अजब गजब मामला इस दिनों सुर्खियों बटोरा रहा है। जैसे की इन दिनों रिलीज हुई चर्चित वेब सीरीज पंचायत देखकर नगर परिषद केवलारी की याद आ जाती है। वेब सीरीज में जैसा दिखाया गया है उसी तर्ज में नगर परिषद केवलारी में भी कार्य हो रहा है। पत्नी पद पर है लेकिन राज पति कर रहे है। नगर परिषद केवलारी में अध्यक्ष जैसे सम्माननीय और संवैधानिक पद पर सुनीता बघेल ने चुनाव जीत कर परिषद की कुर्सी संभाली है लेकिन उस कुर्सी का मजा उनके पति देवीसिंह बघेल उठा रहे है। साथ ही उनके द्वारा नगर विकास के चर्चे कम नहीं है लेकिन उसमें होने वाले भ्रष्टाचार भी किसी से छुप नहीं रहे है। यहां अध्यक्ष पति का हस्तक्षेप किसी से छुपा नहीं है। हर कार्य में अध्यक्ष पति का हस्तक्षेप चर्चा का विषय बना हुआ है।

अब तो केवलारी नगर की जनता यह बातें चाय पान की दुकानों में कहने में संकोच नहीं करती की केवलारी नगर परिषद् में भले ही अध्यक्ष सुनीता बघेल है लेकिन राज तो उनके पति देवीसिंह बघेल कर रहे है। शुक्र है कि सुनीता बघेल किसी शासकीय पद में तैनात नहीं है नहीं तो पति देवीसिंह बघेल का बस चलता तो उस कुर्सी में खुद काम करते और पत्नी को कभी कभार दफ्तर उपस्थित होने देते। केवलारी अध्यक्ष पति देवीसिंह के कार्यप्रणाली से प्रतीत होता है कि संविधान एवं नियम का इनके लिए कोई महत्व नहीं है। अपनी राजनैतिक पकड़ के आगे यह नियम, कायदा कानून को अपने जूते तले रौंद रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार नगर परिषद केवलारी में अध्यक्ष पति के द्वारा शासकीय योजना से लाखों रुपए की स्ट्रीट लाइट लगवाया गया था। लेकिन कुछ ही दिन में वो बंद हो गए। यदि एसडीएम केवलारी कभी नवनिर्मित कार्यो के निरिक्षण कर सीसी रोड और पुलिया निर्माण की जांच करें तो उनके भ्रष्टाचार से दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। नगर की आम जनता दबी जुबान पर कहती है कि भाजपा शासित नगर परिषद् केवलारी का हाल तो ऐसा है जैसे भोली भाली जनता के सामने विकास के डिगे हकों और उस विकास कार्य मे भ्रष्टाचार कर अपना खुद का विकास करो। अब हालात यह है की जनता भाजपा को बहुमत दे अपना माथा पीट रही है। माना जा रहा है कि नगर परिषद केवलारी में भ्रष्टाचार चरम सीमा पार हो चूका है और इसका मुख्य कारण अध्यक्ष पति की तानाशाही मानी जा रही है। केवलारी नगर परिषद् के लिए आम जनता की धारणा यह है कि हर एक गलत कार्य दिन प्रतिदिन संभव हो रहे हैं। जिस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

भ्रष्टाचार के आरोप, जनता में नाराजगी

सूत्रों के अनुसार नगर में शासकीय योजनाओं के तहत लाखों की लागत से लगाई गई स्ट्रीट लाइटें कुछ ही समय में बंद हो गईं। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। जनता कहती है कि विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है।

“पंचायत” वेब सीरीज जैसा हाल

लोगों का कहना है कि केवलारी की स्थिति हाल ही में रिलीज़ हुई ‘पंचायत’ वेब सीरीज जैसी है – पद महिला का, लेकिन असली काम पुरुष कर रहा है। अध्यक्ष की भूमिका केवल नाममात्र की रह गई है।

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