छिंदवाड़ा रोड पर सड़कों पर खड़े ट्रकों से बढ़ रहा खतरा: ट्रक से टकराकर घायल हुआ युवक, सुरक्षा पर उठे सवाल

Rashtrabaan

    सिवनी, राष्ट्रबाण। शहर के व्यस्ततम मार्गों में से एक छिंदवाड़ा रोड पर देर रात ट्रक खड़े कर माल उतारने की प्रवृत्ति लगातार हादसों को न्योता दे रही है। यातायात दबाव वाले इस मार्ग पर व्यापारी अपनी दुकानों के सामने ट्रकों को सड़क पर खड़ा कर माल उतारते हैं, जिसके चलते राहगीरों और वाहन चालकों की जान पर संकट मंडराता है। सोमवार, 1 सितंबर 2025 की रात को ऐसा ही एक हादसा हुआ जब दोपहिया वाहन चालक सड़क पर खड़े एक ट्रक से जा टकराया। हादसे में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया और राहगीरों की मदद से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया।

    घायल युवक की पहचान बम्होड़ी निवासी बबलू सनोडिया के रूप में हुई है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है और वे प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक सड़क के बीचोंबीच खड़ा था और उसके आसपास कोई रिफ्लेक्टर या चेतावनी संकेत भी नहीं लगाए गए थे। अंधेरे में दोपहिया चालक को ट्रक दिखाई नहीं दिया और दुर्घटना हो गई।

    व्यापारियों की लापरवाही से बढ़ रहा जोखिम

    छिंदवाड़ा मार्ग पर गल्ला व्यापारियों की कई दुकानें हैं। व्यापारी देर रात मालवाहक ट्रकों को सीधे सड़क पर खड़ा कर देते हैं और यहीं पर अनलोडिंग का काम शुरू हो जाता है। इन ट्रकों के खड़े होने से राष्ट्रीय राजमार्ग का आधा हिस्सा अवरुद्ध हो जाता है। नतीजा यह होता है कि तेज रफ्तार से गुजरने वाले वाहन चालकों को अचानक सड़क पर अवरोध दिखाई देता है, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में स्थिति जस की तस बनी हुई है।

    यातायात पुलिस की लापरवाही पर सवाल

    लोगों का कहना है कि छिंदवाड़ा रोड पर हर समय यातायात दबाव बना रहता है। इस क्षेत्र में चौक-चौराहे और गलियां भी हैं, जहां से लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद यातायात पुलिस यहां नियमित गश्त या निगरानी नहीं करती। अगर समय रहते पुलिस सख्ती दिखाती तो व्यापारी सड़क पर ट्रक खड़े कर माल नहीं उतारते और हादसे टल सकते थे। नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि यातायात पुलिस की कार्यवाही केवल औपचारिकताओं तक सीमित रहती है। छोटे वाहन चालकों पर चालानी कार्रवाई की जाती है, लेकिन बड़े ट्रकों और व्यापारियों पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाता।

    हादसे के बाद जागरूकता की मांग

    बबलू सनोडिया के हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस मार्ग पर तत्काल कार्रवाई हो। उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए सड़क किनारे या शहर से बाहर निर्धारित स्थान बनाए जाएं, ताकि ट्रक सीधे दुकानों के सामने खड़े न हों। इसके अलावा, व्यापारियों को भी निर्देशित किया जाए कि वे रात में ट्रक खड़े करते समय उचित रोशनी और रिफ्लेक्टर का इस्तेमाल करें।

    प्रशासन से उम्मीद

    स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जिला प्रशासन और यातायात पुलिस इस गंभीर समस्या पर ध्यान देंगे। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में और भी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। नागरिकों का कहना है कि हादसे के बाद ही प्रशासन हरकत में आता है, जबकि आवश्यकता इस बात की है कि पहले से ही रोकथाम की जाए। विशेषकर त्योहारों के मौसम में जब सड़कों पर भीड़ और यातायात का दबाव बढ़ जाता है, ऐसे में इस समस्या पर ध्यान देना और भी जरूरी हो जाता है।

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