ईडी के अधिकारी मांग रहे थे 15 लाख रिश्वत, एसीबी ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार, चिट फंड कंपनी के केस में सैटलमेंट करने मांगी थी रिश्वत

Rashtrabaan

जयपुर, राष्ट्रबाण। गुरुवार को राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों यानी एसीबी ने ED के प्रवर्तन अधिकारी नवलकिशोर मीना और उसके सहयोगी बाबूलाल मीना को 15 लाख रुपये कि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। दरअसल मणिपुर में एक चिट फंड कंपनी के केस में सैटलमेंट करने और अन्य सुविधा देने के नाम पर पीड़ित से 17 लाख रुपए की मांग की गई थी, ऐसे में एसीबी द्वारा छापामारी करते हुए गिरफ्तार किया गया। वहीं इंस्पेक्टर के कई ठिकानों पर एसीबी कार्रवाई कर रही है। एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। एसीबी की कई जगहों पर कार्रवाई जारी है। बताया जा रहा है कि वह मणिपुर में एक चिट फंड कंपनी के केस में सैटलमेंट करने और अन्य सुविधा देने के नाम पर पीड़ित से 17 लाख रुपए मांग रहा था। लेकिन उसे पंद्रह लाख रुपए लेते हुए धर लिया गया। उसके लिए काम करने वाले उसके सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। यह ट्रेप अलवर में किया गया है। मामला बड़ा होने के चलते एसीबी के अन्य अधिकारी भी अलवर के लिए रवाना हो गए हैं। एसीबी अफसरों ने बताया कि मणिपुर में पिछले दिनों कुछ लोगों के खिलाफ चिट फंड कंपनी चलाने और ठगी का केस दर्ज हुआ था। इस केस में पीड़ित से ईडी वाले रुपए मांग रहे थे। पीड़ित ने पुलिस एसीबी अफसरों को बताया कि ईडी अधिकारी नवल किशोर मीणा और उनके सहायक कर्मचारी बाबूलाल मीणा उनसे रुपए मांग रहे थे। चिटफंड कंपनी के केस में उनकी सम्पत्ति अटैच नहीं करने की एवज में ये रुपए मांगे जा रहे थे। केस को भी रफा दफा करने की बात की जा रही थी। एसीबी का आरोप है कि इस मामले में मणिपुर के इंफाल में लगे प्रवर्तन अधिकारी नवल किशोर मीणा रुपए मांग रहे थे। नवल किशोर मीणा जयपुर ग्रामीण के बस्सी के और बाबूलाल मीणा भी बस्सी तहसील के ही रहने वाले हैं। बाबूलाल ही इस केस में मीडियेटर का काम कर रहे थे। वे फिलहाल अलवर के खैरथल में कनिष्ट सहायक कार्यालय, उप पंजीयक के पद पर तैनात हैं। फिलहाल दोनों से एसीबी कार्यालय में पूछताछ की जा रही है।

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