प्रयागराज में बाढ़ का कहर: गंगा-यमुना खतरे के निशान से ऊपर, 250 गांव प्रभावित

Rahul Maurya

प्रयागराज, राष्ट्रबाण: प्रयागराज और कौशांबी में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान 84.734 मीटर से ऊपर 86 मीटर को पार कर गया है। सोमवार सुबह 8 बजे नैनी में यमुना 86.04 मीटर और फाफामऊ में गंगा 86.03 मीटर पर थी। इससे 250 से अधिक गांव और मोहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं, जिनमें ज्यादातर प्रयागराज के हैं। भारी बारिश और उफान ने 1978 के बाढ़ रिकॉर्ड को तोड़ने की आशंका बढ़ा दी है।

बिजली और पढ़ाई ठप, तीन की मौत

लगातार बारिश से स्थिति भयावह हो गई है। प्रयागराज में रविवार को 62 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे कौशांबी में तीन कच्चे मकान ढह गए। इस हादसे में प्रेमा देवी, उनकी बेटी साधना और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हुए। 180 से अधिक गांवों और मोहल्लों में बिजली आपूर्ति ठप है। यमुना बैंक रोड, लेड़ियारी, और गोड़वा उपकेंद्र जलमग्न होने से 20 से अधिक ट्रांसफॉर्मर प्रभावित हैं। हनुमान मंदिर दारागंज, छोटा बघाड़ा, नेवादा, गंगानगर, सलोरी, और करेलाबाग जैसे क्षेत्रों में बिजली कटौती हुई। ऊँचाई वाले मकानों में वैकल्पिक लाइनों से आपूर्ति की कोशिश की जा रही है। स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई बंद है, क्योंकि कई स्कूल राहत शिविरों में तब्दील हो गए हैं।

राहत और बचाव कार्य तेज

जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। NDRF, SDRF, और सिविल डिफेंस की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में 11 नावों के जरिए बचाव कार्य में जुटी हैं। 107 मोहल्लों और 52 गांवों, जैसे फूलपुर (18 गाँव), मेजा (12 गाँव), सोरांव (8 गाँव), और हंडिया (6 गाँव), में बाढ़ का पानी घुस गया है। 6,000 से अधिक लोग 17 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जहाँ भोजन, दवाइयाँ, और क्लोरीन टैबलेट वितरित किए जा रहे हैं। मुख्य अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली बहाली नहीं होगी, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित रहे।

1978 का रिकॉर्ड खतरे में

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, 1978 में गंगा फाफामऊ में 88.390 मीटर और यमुना नैनी में 87.990 मीटर तक पहुंची थी। वर्तमान में जलस्तर प्रति घंटा 2-3 सेमी बढ़ रहा है। यदि यह स्थिति बनी रही, तो अगले कुछ दिनों में यह रिकॉर्ड टूट सकता है। सोशल मीडिया पर लोग इसे प्रयागराज का सबसे भयावह मॉनसून बता रहे हैं। बक्सी बांध, अशोक नगर, और तेलियरगंज में लोग बिजली बहाली के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। जिला प्रशासन ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर (0532-2642577, 0532-2642587, 1077) जारी किए हैं।

प्रशासन की तैयारियाँ

जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार मंदर ने बताया कि राहत कार्य पूरे जोरों पर हैं। 76,632 भोजन और 6,536 खाद्य पैकेट वितरित किए गए हैं। पशुओं के लिए 500 क्विंटल चारा और 1.29 लाख क्लोरीन टैबलेट वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 मंत्रियों की टीम बनाई है, जो प्रयागराज सहित 17 प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की निगरानी कर रही है। प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में रहने वालों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।

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