सिवनी, राष्ट्रबाण। प्रदेश सरकार द्वारा डिजिटल प्रशासन की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राजस्व विभाग ने ‘वेब जीआईएस 2.0 भू-लेख पोर्टल’ का पायलट प्रोजेक्ट सिवनी और नरसिंहपुर जिलों में शुरू किया है। यह पोर्टल भूमि से संबंधित सभी अभिलेखों – जैसे खसरा, खतौनी, बी-1, भू-अधिकार पुस्तिका एवं नक्शे – को एक ही मंच पर डिजिटल रूप में उपलब्ध कराता है।
घर बैठे भूमि जानकारी अब ऑनलाइन
भू-अभिलेख अधीक्षक आर.एन. परतेती ने जानकारी दी कि यह नया पोर्टल 21 जुलाई से लागू किया गया है और इसे आम नागरिकों के लिए अधिक सुविधाजनक और इंटरैक्टिव बनाया गया है। अब कोई भी व्यक्ति अपनी भूमि का आकार, स्थिति और लोकेशन ऑनलाइन भू-मानचित्र के माध्यम से घर बैठे देख सकता है। इससे भूमि से संबंधित दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि जमीन विवादों में भी कमी लाने में मददगार होगा।
विभागीय कार्यों में भी लाएगा तेजी
नए पोर्टल की मदद से पटवारी, लोक सेवा केंद्र, बैंक, और वरिष्ठ अधिकारी अब पहले से ज्यादा सुविधाजनक तरीके से राजस्व से जुड़े कार्यों को संपादित कर सकेंगे। यह पोर्टल विभागीय प्रक्रियाओं को तेज, सहज और समयबद्ध बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
किसानों को मिल रहा प्रत्यक्ष लाभ
नवीन पोर्टल को पीएम किसान, सीएम किसान, ई-उपार्जन, फसल बीमा, संपदा पोर्टल, केसीसी जैसी जनहित योजनाओं से भी जोड़ा गया है। इससे इन योजनाओं के तहत किसानों के दस्तावेज स्वतः ही अपडेट हो सकेंगे, जिससे उन्हें रियल टाइम में लाभ मिलना सरल हो जाएगा।
तकनीकी समस्याओं की हो रही मॉनिटरिंग
पायलट जिले होने के नाते, सिवनी में पोर्टल के उपयोग से सामने आने वाली तकनीकी समस्याओं की मॉनिटरिंग वरिष्ठ अधिकारी लगातार कर रहे हैं। समय रहते इनका समाधान भी सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों और कर्मचारियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
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