Jablapur News: 1 माह के बच्चे को चढ़ा दिया AB+ ब्लड की जगह A+ ब्लड ग्रुप, जबलपुर मेडीकल कॉलेज की बड़ी लापरवाही आई सामने

Rashtrabaan
Blood bag. A positive blood inside a bag for transfusion. This blood will be used to replace blood in people with blood disorders. The blood group and type needs to be matched to that of the patient. Common blood disorders that can require regular transfusions include thalassaemia, anaemia and haemophilia. Blood transfusions are also used to replace blood lost during trauma and surgery.

जबलपुर, राष्ट्रबाण। मेडीकल कॉलेज की लापरवाही अब आम बात होती जा रही है,आय दिन इन बड़े मेडीकल कॉलेजों में लापरवाही उजागर होती रहती है,वहीं जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करते दिखाई देते हैं शुक्रवार को जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज़ की बड़ी लापरवाही सामने आई है, यहां पर डाक्टरों ने नवजात को दूसरे ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया, बच्चे के पिता का आरोप है कि जानबूझकर बच्चे को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया गया। मामला प्रकाश में आते ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

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दरअसल बरगी के बंदरकोला गांव में रहने वाले श्रीकांत लोधी ने बताया कि 31 मई को मेडिकल कॉलेज में बच्चे का जन्म हुआ था, बच्चे का वजन कम होने की वजह से डॉक्टरों द्वारा उसे खून चढ़ाने की बात कही थी, बच्चे के पिता को नवजात की ब्लड रिपोर्ट देकर कहा गया कि बच्चे को AB+ ब्लड ग्रुप लगेगा,जब श्रीकांत बच्चे की रिपोर्ट लेकर ब्लड बैंक गया तो उसे A पॉजीटिव ब्लड दे दिया गया। हैरानी की बात तो यह है की मेडीकल कॉलेज के डॉक्टरों ने ब्लड को बिना चेक किये ही उस मासूम को ब्लड चढ़ा दिया। लेकिन जब बच्चे के वजन में किसी तरह फर्क नही पड़ा तो नवजात के पिता ने मेडिकल सुपर स्पेशलिस्ट में शिफ्ट किया गया।

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28 जून को बच्चे को फिर ब्लड की जरूरत पड़ी तो श्रीकांत फ़ाइल लेकर मेडिकल ब्लड बैंक गया, जहां यह कहकर खून देने से मना कर दिया कि अभी इस ग्रुप का खून ब्लड बैंक में नहीं है। श्रीकांत को जब ब्लड बैंक से खून नहीं मिला तो वह है प्राइवेट ब्लड बैंक गया जहां उसने रिपोर्ट दिखाई तो पता चला कि इससे पहले बच्चे को जो खून चढ़ाया गया था वह गलत ग्रुप का था। इतना सुनते ही श्रीकांत के होश उड़ गए। सिर्फ 1 माह के बच्चे के साथ इस तरह की बड़ी लापरवाही करने का मामला जब मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस पूरे विषय में मेडिकल कॉलेज के डीन से बात की जाएगी और इसमें जिसने भी लापरवाही बरती होगी उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही भी होगी।

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