भोपाल, राष्ट्रबाण। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का कारण जीपीएस कॉलर की आशंका जताई जा रही है। यह जीपीएस कॉलर चीतों को टे्रस करने के लिए लगाई गई है। ताकि उनकी लोकेशन पर नजर रखी जा सके। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत लगातार हो रही है। इसके बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के एक्सपर्ट इसके पीछे की वजह जीपीएस कॉलर को बता रहे हैं। जीपीएस कॉलर की वजह से चीतों को घाव हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कूनो नेशनल पार्क के अंदर तीन और चीतों की गर्दन पर कीड़ों से संक्रमित घाव होने के संदेह हैं, जो कि स्पष्ट रूप से जीपीएस कॉलर की वजह से हुआ है। इससे चीतों का पता लगाने और उनका इलाज करने के लिए आपाधापी मच गई है। बता दे कि मध्यप्रदेश सरकार ने सोमवार को वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी जसबीर सिंह चौहान को पद से हटा दिया है। श्री चौहान तीन महीने से भी कम समय में सेवानिवृत्त होने वाले थे। दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीकी चीते तेजस और सूरज की मौत के बाद वैश्विक स्तर पर चिंता शुरू हो गई है। कुछ लोगों को संदेह था कि गर्दन के घावों के संक्रमण से उनकी मौत हो गई है। हालांकि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय का कहना है कि कूनो में स्थानांतरित किए गए 20 चीतों में से पांच की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है। इसने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें यह कहा गया था कि तेजस और सूरज की मौत कॉलर की वजह से हुई है। कुछ एक्सपर्ट कह रहे हैं कि जीपीएस कॉलर के कारण गर्दन पर चोट थी और सेफ्टिसीमिया से मौत हो गई। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने ऐसी रिपोर्ट्स पर अटकलबाजी और साक्ष्यों का अभाव करार दिया है। वहीं सूरज की गर्दन पर बड़े संक्रमित घाव का एक वीडियो है, जिसकी शनिवार को मौत हो गई है। हैरानी की बात यह है कि कूनो में केवल नर चीते ही रहस्यमयी गर्दन की चोट की घटना से प्रभावित हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में शेरों और चीतों के इलाज में अपने अनुभव के लिए प्रसिद्ध वन्यजीव पशु चिकित्सक माइक टॉफ्ट कॉलर कूनो नेशनल पार्क पहुंच रहे हैं।