मर्डर एंड रेप…सबूत देख, आंखें बंद ; बड़ा खुलासा : इतने बड़े अस्पताल में नहीं है सुरक्षा गार्ड

Rashtrabaan

कोलकाता (Kolkata), राष्ट्रबाण। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में महिला ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले पर डॉक्टर लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी बीच इस मामले की जांच में सीबीआई (CBI) भी जुटी हुई है। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने भी कॉलेज का दौरा किया है। इसके बाद महिला आयोग ने कई आरोप अस्पताल पर लगाए हैं।

अचानक मरम्मत कार्य से गहराई आशंका

सिर्फ आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और छात्र ही सड़क पर उतरकर लगातार विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं बल्कि देश भर में सभी डॉक्टर विरोध में उतरे हुए हैं। इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की टीम जो आरजी कर अस्पताल पहुंची है, उसने अस्पताल में कई खामियां पाई हैं। NCW की टीम के मुताबिक जहां महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की गई, वहां पर अचानक मरम्मत कर दी गई। ऐसे में ये संभावना बनी हुई है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के इरादे से मरम्मत करवाई गई है।

पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

वहीं NCW ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं। एनसीडब्ल्यू ने कहा कि पुलिस को कार्रवाई करते हुए तत्काल घटना स्थल को सील करना चाहिए था, जो नहीं किया गया था। बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। एनसीडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित जांच, सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और जांच में खामियां थीं।

खबरों का आधार पर जांच शुरू की

याद रहे कोलकाता की घटना के संबंध में मीडिया में जारी हुई खबरों के आधार पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले की जांच शुरू की थी। आयोग ने 10 अगस्त को कोलकाता के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई और घटना की गहन जांच की मांग की थी। एनसीडब्ल्यू ने इस घटना की गहनता से जांच करने के लिए दो सदस्यीय जांच समिति गठित की, जिसमें एनसीडब्ल्यू सदस्य डेलिना खोंगडुप (Delina Khongdup) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की वकील सोमा चौधरी शामिल हैं।

सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर मिला था शव

महिला डॉक्टर का शव उत्तरी कोलकाता (North Kolkata) के एक सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर से मिला था। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी हत्या से पहले यौन शोषण की पुष्टि हुई। इसके बाद एक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया था।

एनसीडब्ल्यू ने किए ये दावे

-एनसीडब्ल्यू की जांच से पता चला कि घटना के दौरान कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था, जिससे नाइट शिफ्ट के दौरान ऑन-कॉल इंटर्न, डॉक्टर और नर्सों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाई।
-पैनल ने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना की रिपोर्ट दी तथा कहा कि जिस स्थान पर कथित तौर पर अपराध हुआ था, वहां अचानक नवीनीकरण का काम चल रहा था।
-इसमें कहा गया कि पुलिस को अपराध स्थल को तुरंत सील कर देना चाहिए था।
-अस्पताल में महिला चिकित्सा कर्मचारियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव पाया गया, जिसमें खराब रख-रखाव वाले शौचालय, अपर्याप्त प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा उपायों का पूर्ण अभाव शामिल है।
-जांच में जांच को लेकर गंभीर चिंताएं भी उजागर हुई हैं। एनसीडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि घटना के बाद इस्तीफा देने वाले पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से पूछताछ अभी भी अधूरी है।

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