मंदसौर के मुल्तानपुरा में GBS बीमारी का प्रकोप, 6 मरीजों में पुष्टि

Rahul Maurya

मंदसौर, राष्ट्रबाण: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के मुल्तानपुरा गाँव में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) नामक एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग को सकते में डाल दिया है। गाँव में अब तक छह लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से दो मरीज जिले के बाहर इलाज करा रहे हैं, जबकि तीन मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार की स्वास्थ्य टीमें अलर्ट पर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के विशेषज्ञों ने भी गाँव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है।

बीमारी का पता चलने पर त्वरित कार्रवाई

मंदसौर की जिला मजिस्ट्रेट अदिति गर्ग ने बताया कि कुछ हफ्ते पहले मुल्तानपुरा में GBS के मामले सामने आए थे। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत घर-घर जाकर सर्वेक्षण शुरू किया। इस सर्वे में अब तक छह मरीजों में बीमारी की पुष्टि हुई है। इनमें से तीन मरीजों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि बाकी तीन का इलाज इंदौर, अहमदाबाद और भोपाल के अस्पतालों में चल रहा है। जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की अपील की है।

GBS क्या है और क्यों है खतरनाक

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से तंत्रिकाओं पर हमला करता है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी और गंभीर मामलों में लकवा तक हो सकता है। लक्षणों में दस्त, बुखार, हाथ-पैरों में सुन्नपन, चलने में दिक्कत और साँस लेने में तकलीफ शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर इलाज से मरीज ठीक हो सकते हैं, लेकिन इलाज महंगा और लंबा होता है, जिसमें IVIG थेरेपी और प्लाज्मा एक्सचेंज जैसी प्रक्रियाएँ शामिल हैं।

स्वास्थ्य टीमें और WHO की सक्रियता

GBS के मामलों की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, WHO और NCDC की संयुक्त टीम ने मुल्तानपुरा गाँव का दौरा किया। इस टीम ने प्रभावित परिवारों से बात की और सैंपल एकत्र किए ताकि बीमारी के कारणों और फैलाव का पता लगाया जा सके। जिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. शुभम सिलावट ने बताया कि GBS के शुरुआती लक्षणों में बुखार, दस्त और मांसपेशियों में कमजोरी शामिल हैं। स्वास्थ्य टीमें गाँव में मेडिकल कैंप लगा रही हैं और लोगों को जागरूक करने के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव भी तेज कर दी गई है।

गाँव की स्थिति

मुल्तानपुरा में स्वच्छता की खराब स्थिति ने भी चिंता बढ़ाई है। गाँव में खुले नाले, गंदगी और कीचड़ भरे रास्ते बीमारी फैलने का कारण बन सकते हैं। स्वास्थ्य टीमों ने 1,555 घरों का सर्वे किया, जिसमें 8,331 लोगों की जाँच की गई। इनमें से 56 लोग बुखार, खाँसी और दस्त जैसे लक्षणों के साथ निगरानी में हैं। प्रशासन ने लोगों से साफ-सफाई रखने और लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाने की सलाह दी है। यह प्रकोप मंदसौर के लिए एक बड़ी चुनौती है, और स्वास्थ्य विभाग इसे नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

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