नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने का आदेश दिया, जिसके बाद विवाद छिड़ गया। कोर्ट ने यह फैसला बच्चों और बुजुर्गों पर कुत्तों के हमलों और रेबीज से होने वाली मौतों के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुनाया। इस आदेश की कई बॉलीवुड हस्तियों ने आलोचना की, लेकिन फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने इसका समर्थन करते हुए पशु प्रेमियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मानव सुरक्षा को प्राथमिकता देना जरूरी है और कुत्तों के हमलों से बच्चों की जान खतरे में है।
कोर्ट का आदेश और उसका आधार
11 अगस्त को जस्टिस जे.बी. परदीवाला और आर. महादेवन की बेंच ने दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, और फरीदाबाद में 6-8 सप्ताह में 5,000 कुत्तों को शेल्टर में भेजने का निर्देश दिया। आदेश में स्टरलाइजेशन, वैक्सीनेशन, डीवॉर्मिंग, और शेल्टर में सीसीटीवी निगरानी सुनिश्चित करने को कहा गया। कोर्ट ने साफ किया कि सड़कों को आवारा कुत्तों से मुक्त करना जरूरी है ताकि लोग बिना डर के घूम सकें। 14 अगस्त को जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता, और एन.वी. अंजरिया की बेंच ने इस आदेश पर स्थगन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रखा, जो आज सुनाया जा सकता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में 37 लाख वार्षिक कुत्तों के काटने के मामले गिनाए, जबकि वकील कपिल सिब्बल ने शेल्टर की कमी और क्रूरता की आशंका जताई।
राम गोपाल वर्मा का तीखा प्रहार
राम गोपाल वर्मा ने पशु प्रेमियों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जो लोग कुत्तों के समर्थन में हैं, वे सीसीटीवी फुटेज में बच्चों पर हमले नहीं देख पा रहे। वर्मा ने तर्क दिया कि रेबीज के बढ़ते मामले और कुत्तों के हमले आपातकालीन स्थिति हैं, जिनमें तत्काल कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने कहा कि पालतू कुत्तों को घर में रखना अलग बात है, लेकिन सड़कों पर बच्चों को काटने वाले आवारा कुत्तों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वर्मा ने यह भी कहा कि अमीर लोग हाई-ब्रीड कुत्ते पालते हैं, जबकि गरीब लोग सड़क पर इनके शिकार बनते हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि कुत्तों को मंदिरों में पूजा जाए या गरीबों को घर में अपनाया जाए, लेकिन बच्चों की जान से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
बॉलीवुड और पशु प्रेमियों का विरोध
जाह्नवी कपूर, वरुण धवन, जॉन अब्राहम, और मेनका गांधी ने कोर्ट के फैसले को अमानवीय और अव्यवहारिक बताया। मेनका गांधी ने कहा कि दिल्ली के 3 लाख कुत्तों के लिए 3,000 शेल्टर चाहिए, जो असंभव है। PETA इंडिया ने इसे अवैध और अवैज्ञानिक करार दिया। पशु प्रेमियों ने तर्क दिया कि स्टरलाइजेशन और वैक्सीनेशन जैसे दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देना चाहिए। कुछ लोगों ने वर्मा की टिप्पणियों को अतिशयोक्ति बताया और कहा कि वे समस्या के मूल कारणों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
सामाजिक और कानूनी बहस
यह मामला मानव सुरक्षा और पशु कल्याण के बीच टकराव को दर्शाता है। कोर्ट ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी, लेकिन पशु प्रेमी इसे पशु क्रूरता के खिलाफ मानते हैं। दिल्ली-एनसीआर में रेबीज से होने वाली मौतों और कुत्तों के हमलों ने इस आदेश को जरूरी बनाया, लेकिन शेल्टर की कमी और उनकी व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है।
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