छतरपुर, राष्ट्रबाण। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम पहुंचीं। बागेश्वर धाम में 251 जोड़ों का सामूहिक विवाह महोत्सव चल रहा है। विवाह समारोह के लिए 251 मंडप बनाए गए। साथ ही, 251 दूल्हों की बारात लाने के लिए 251 घोड़े भी तैयार किए गए। बालाजी मंदिर के पास से ही बारात उठकर पंडाल तक पहुंची।
बालाजी की फोटो भेंट
इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों अपने कर्म और वाणी से जन मानस को राह दिखाई है। सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई है। अंधविश्वास के बारे में लोगों को जागरूक किया है। चाहे गुरुनानक हों, रविदास हों या संत कबीर दास हों, मीराबाई हों या संत तुकाराम, सभी ने समाज को सही राह दिखाई है। उन्होंने कहा कि सभी जोड़ों को बधाई देती हूं। आपको विवाह सूत्र में बांधने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को धन्यवाद देती हूं। सभी महिलाओं से कहना चाहूंगी कि आप आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करें। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने राष्ट्रपति को बालाजी की फोटो भेंट की।
नवयुगल को यह उपहार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दूल्हों के लिए 251 सूट और दुल्हनों के लिए 251 साड़ियां उपहार में लाई हैं तो वहीं, दूसरी तरफ बागेश्वरधाम प्रबंधन की ओर से दूल्हे को उपहार में शेरवानी और दुल्हन को उपहार में लहंगा दिया गया है। इसके अलावा डबल बेड, सोफा, आटा चक्की, अलमारी, ड्रेसिंग समेत घरेलू उपयोग के 56 आइटम शामिल हैं।
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रत्येक जोड़े को 51 हजार दिए
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज बागेश्वर धाम नया कीर्तिमान बना रहा है। आपने जातिगत संघर्ष को तोड़ने का काम किया है। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। मप्र सरकार की ओर से 51 हजार रुपये देने की भावना है, इसलिए सरकार की योजना का लाभ यहां आए जोड़ों को मिलेगा।
अपनी बहन की शादी उधार लेकर किया था
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जिस दिन हमने अपनी बहन का विवाह जैसे-तैसे लोगों से उधार लेकर किया उसी दिन ठान लिया था कि आज हमें बहन के विवाह में इतना निराश होना पड़ रहा है, भगवान ने हमें सामर्थ्यवान बनाया तो भारत में बेटियों के विवाह के लिए किसी को निराश नहीं होना पड़ेगा। बेटियों को बोझ मत मानो, बेटियां, बेटों से कम है क्या? बेटियों कम होती तो हमारी बेटियां बड़े-बड़े शिखर पर नहीं पहुंचतीं। मंदिरों की दानपेटियों को बेटियों की शादियों के लिए खोल दिया जाएगा, तो भारत को विश्व गुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता। बेटियां जब यहां से ब्याह कर जाएंगी तो गर्व से कहेंगी कि बालाजी हमारे पिता हैं और राष्ट्रपति के आशीर्वाद से शादी कर आए हैं।
20 लाख लोगों के भंडारे की व्यवस्था
आयोजन के दौरान 20 लाख लोगों के भंडारे की व्यवस्था की गई है। 13 व्यंजन मेहमानों को परोसे जाएंगे। इसके लिए 400 लोग पिछले 6 दिन से खाना बनाने का काम कर रहे हैं। इतने ही लोग शिष्टमंडल की मदद कर रहे हैं। राजस्थान से 20 लाख पीस छेना के रसगुल्ले भी मंगवाए हैं। खाना बनाने का काम मशीनों की मदद से किया जा रहा है। 12 से 15 एकड़ में भंडारे की व्यवस्था है।
ये हस्तियां भी पहुंचीं बालाजी के दरबार
देश की अन्य दिग्गज हस्तियों में पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा, पूर्व क्रिकेटर आरपी सिंह, सिंगर सोनू निगम, डब्ल्यू-डब्ल्यू-ई रेस्लर (पहलवान) द ग्रेट खली, अभिनेता पुनित वशिष्ठ, धर्मगुरु (संत) रामभद्राचार्य महाराज मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज, गोरीलाल कुंज वाले स्वामी किशोरदाज महाराज, इंद्रेश उपाध्याय, पुण्डरीक गोस्वामी, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, चिदानंद स्वामी महाराज, पूज्य बालक योगेश्वरदास महाराज, अयोध्या के राम दिनेश आचार्य महाराज, अभिरामाचार्य महाराज, अभयदास महाराज, हरिद्वार से रामदास महाराज, चिन्मयानंद बापूजी महाराज, गंगादास महाराज, गोपालमणि महाराज, संजय सलिल महाराज समेत अनेक संत वर-वधू को आशीर्वाद देंगे।