Seoni Congress News : 1990 से हारती आ रही कांग्रेस, दिग्गज नेता भी नहीं लगा पाए कांग्रेस की नैय्या पार!

Rashtrabaan
Highlights
  • 2013 में निर्दलीय उमीदवार से हारते हुए तीसरे स्थान में पहुंच गई थी कांग्रेस
  • 2013 में वर्तमान जिलाध्यक्ष राजकुमार खुराना थे उम्मीदवार
  • 1990 में हरवंश सिंह से शुरू हुआ कांग्रेस की हार का सिलसिला

सिवनी । राष्ट्रबाण

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मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, लगातार हारने वाली सीटो पर कांग्रेस मजबूत और जिताऊ चेहरे की तलाश में है। सिवनी विधानसभा भी लगातार हारने वाली सीटो में शामिल है। जहां कांग्रेस लगभग 33 सालो से नहीं जीत पाई है। 1985 में कांग्रेस के आखिरी विधायक रमेश चंद्र जैन रहे उसके बाद से कांग्रेस लगातार हार का मुंह देखते आ रही है।

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1990 में कांग्रेस के दिग्गज नेता ठा. हरवंश सिंह से हार की शुरुवात हुई उसके बाद कभी कांग्रेस ने सिवनी विधानसभा में अपनी जीत का परचम नहीं लहरा सकी। 1993 में भाजपा के महेश शुक्ला से आशुतोष वर्मा हारे, वर्ष 1998 में पुनः आशुतोष वर्मा को भाजपा के नरेश दिवाकर से मुंह की खानी पड़ी। तो वर्ष 2003 में वर्तमान कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजकुमार खुराना का मुकाबला भाजपा के विधायक नरेश दिवाकर से हुआ लेकिन उस मुकाबले में भी कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार खुराना को हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2008 में कांग्रेस प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू पर कांग्रेस ने विश्वास जताया लेकिन भाजपा की उम्मीदवार नीता पटेरिया के सामने कांग्रेस की उम्मीदे धराशायी हो गई और नीता पटेरिया ने जीत हासिल कर ली।

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1990 से 2018 तक कांग्रेस प्रत्याशियों का प्रदर्शन रिकार्ड

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वर्ष 2013 में कांग्रेस ने एक बार फिर वर्तमान जिलाध्यक्ष राजकुमार खुराना को अवसर देते हुए चुनाव लड़ा लेकिन दूसरी बार भी कांग्रेस के किस्मत ने धोखा दे दिया। मजे कि बात यह है की दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़े राजकुमार खुराना को निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश राय के सामने शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस तीसरे स्थान पहुँच गई। हालाकि इस चुनाव में भाजपा की विजय श्रंखला टूट गई और दो बार के विधायक रहे नरेश दिवाकर को भी हार नसीब हुई।

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वर्ष 2018 में दिनेश राय ने भाजपा से हाथ मिलाया और वह भाजपा ने प्रत्याशी बने, उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी मोहन चंदेल से हुआ। मोहन चंदेल ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए अब तक के प्रत्याशियों में सबसे अधिक वोट लिया। इस बार अनुमान लगाया जा रहा था की कांग्रेस चुनाव में बाजी मार कर जीत हांसिल करते हुए अपने 18 साल के वनवास को ख़त्म कर लेगी लेकिन पार्टी की गुटबाजी और आपसी विवाद के चलते पार्टी कार्यकर्ताओ को एक जुट करने में असफल रही और कांग्रेस को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। 2018 की विधानसभा चुनाव राजकुमार खुराना जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में लड़ा गया था।

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90 के दशक से कांग्रेस सिवनी विधानसभा में हारती आ रही आ रही है लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता भी पार्टी कि डूबती नैय्या को पार नहीं लगा पाए।

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