सिवनी, राष्ट्रबाण। भारत में सभी को समानता से जीने का अधिकार है। इसके लिए बाकायदा देश के सविधान रचिता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान में जातिगत भेदभाव न हो उसके लिए कड़े कानून बनाये है जिसका पालन कराना पुलिस विभाग की नैतिक जिम्मेदारी है। लेकिन इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा की देश में कानून का पालन कराने वाले खाकी धारक ही कानून को अपने जूते की नोंक पर रगड़ रहे है।
मामला बरघाट थाना का है, जहां एक पुलिस उपनिरीक्षक और आरक्षक द्वारा पत्रकार के साथ धक्का मुक्की करते हुए उसे जाति सूचक गालिया दे कर अपमानित किया है। शिकायत के अनुसार रजनीकांत खरे पिता ईश्वर दयाल खरे, ग्राम सलेकला का निवासी 1 जुलाई को बरघाट थाना में समाचार संकलन के लिए पहुंचा जहां उपस्थित आरक्षक कपिल कटरे, उपनिरीक्षक सत्येंद्र उपाध्याय द्वारा पूछा गया कि थाना कैसे आये हो तो रजनीकांत खरे ने अपना परिचय देते हुए कहा की मैं एक समाचार पत्र का संवादाता हूं, समाचार संकलन के लिए आया हूं। उपनिरीक्षक द्वारा पत्रकार से कार्ड मांगा गया और जाति पूछी गई तो पत्रकार ने अपनी जाति चमार बताया जिसे सुनते ही उपनिरीक्षक सत्येंद्र उपाध्याय द्वारा तुम चमार लोग कब से पत्रकारिकता करने लगे कहते हुए उपनिरीक्षक और आरक्षक द्वारा पत्रकार को दोनों धक्का देते हुए गाली गलौज करने लगे और उसे धमकाया की दोबारा यहां दिखना मत नहीं तो मार मार कर लाल कर देंगे।
रजनीकांत खरे अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक से कर न्याय की गुहार लगाई है। अब देखना होगा की अभ्रदता करने वाले पुलिस कर्मियों पर कब और कैसी कार्रवाई होती है।
Seoni News : बरघाट पुलिस ने की पत्रकार से अभ्रदता, हुई शिकायत
पुलिस उपनिरीक्षक और आरक्षक ने पत्रकार के साथ धक्का मुक्की करते हुए उसे जाति सूचक गालिया दे कर अपमानित किया
Highlights
- पत्रकार से किया जाति सूचक गाली गलौच
- पुलिस अधीक्षक से हुई शिकायत, लगाई न्याय की गुहार
Leave a comment
Leave a comment