सिवनी, राष्ट्रबाण। सिवनी जिला जुआ फड के लिए बदनाम हो गया हैं। यह जिसे देखो वह एक तिरपाल, फट्टा बिछा कर चार पांच टावर खड़े करते हुए नालकट बन जाता हैं। वैसे तो किसी समय मे कांग्रेस नेता के भाई और अखिलेश अवस्थी का जुआ पूरे प्रदेश में चर्चाओं में रहता था। लेकिन अखिलेश अवस्थी की मौत के बाद ग्रुप टूट गया । अब जिले में छोटी और बड़ी फड मिला कर लगभग एक दर्जन भर फड़ो का संचालन होता हैं।
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जानकारी के अनुसार सिवनी पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव के निर्देश पर किंदरई, घंसौर और धनौरा पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में बड़ी जुआ फड पर दबिश दी है जिसमे 12 जुआरी पुलिस गिरफ्त में आये हैं।
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यह जुआ फड गोरखपुर के पास पहाड़ी में खिलाया जा रहा था। बड़े घरों के बिगड़े नबाब इस जुआ में अपने किस्मत आजमाने के लिए पहुंचे थे। पैसे डबल करने के चक्कर मे बड़े घर के बिगड़े नबाब पैसे तो डबल नही कर पाए लेकिन पुलिस के मेहमान जरूर बन गए। यह पुलिस कार्यवाही रात्रि लगभग 11 बजे हुए जिसमे पुलिस ने 12 जुआरियों को गिरफ्तार किया।
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इस जुआ में जिले के अलग-अलग स्थानों के जुआरी थे। पुलिस की जानकारी अनुसार प्रेमसिंह पिता झामसिंह राजपूत उम्र 43 साल निवासी ग्राम खैनरा थाना धूमा, दीपक पिता संतोष कुशवाह उम्र 26 साल निवासी ग्राम सुनवारा थाना धनौरा, सिद्धार्थ पिता सतीष जैन उम्र 42 साल निवासी लखनादौन थाना लखनादौन, दिनेश पिता दशरथ डेहरिया उम्र 44 साल निवासी छपारा थाना छपारा, इमरान पिता एहजात खान उम्र 32 साल निवासी छपारा थाना छपारा, रितेश पिता जयकुमार जैन उम्र 33 साल निवासी लखनादौन थाना लखनादौन, नौमी पिता मानसुख मर्सकोले उम्र 34 साल निवासी गोरखपुर थाना लखनादौन, जुगल किशोर पिता तारेलाल पुसाम उम्र 38 साल निवासी वार्ड 6 बरघाट रोड सिवनी, इमरान पिता मन्नान खान उम्र 25 साल निवासी कटंगी रोड बाम्हनदेही थाना डूंडासिवनी, संजू कुमार पिता नरसिंह ककोडिया उम्र 31 साल निवासी उडेपानी थाना डूंडा सिवनी, आबिद पिता असदू खान उम्र 30 साल निवासी चुटका थाना कान्हीवाडा, अशोक पिता साधू अहिरवार उम्र 30 साल निवासी सुनवारा थाना धनौरा को जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया गया हैं।
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13 लाख का था जुआ : सूत्रों की माने तो पुलिस जिस जुआ को 1 लाख 39 हजार का बता रही हैं वह दरअसल 13 लाख रुपये के लगभग का था। इस जुआ में बड़े धनाढ्य बिगड़े नबाब अपनी रहिशी का दिखावा दिखाने और बड़े दांव खेला करते थे। जानकारों की माने तो यहां जुआ की तकवारी करने वाले पंटर (टावर) को प्रति दिन 2 हजार रुपये दिए जाते थे। एक खिलाड़ी लगभग 2 से 3 लाख रुपये लेकर जाता था। अब इतने बड़े जुआ में पुलिस द्वारा 1 लाख 39 हजार की जप्ती बताना किसी के गले नही उतर रही हैं।
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कौन है सिद्धार्थ : बताया जाता हैं कि सिद्धार्थ एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। यह पैसे से शिक्षक हैं, लेकिन इसके कृत्य ने पूरे शिक्षा जगत को शर्मसार कर दिया। जिसके कंधो पर बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देने की जिम्मेदारी हैं। वह खुद जुआ जैसे आपराधिक कृत्यों में लिप्त हैं। तो इससे अंदाज लगाया जा सकता हैं कि यह शिक्षक बच्चों में कैसी शिक्षा और संस्कार देता होगा।
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सट्टा का खाईबाज भी धराया : सूत्रों की माने तो रितेश पिता जयकुमार जैन लखनादौन का सबसे बड़ा सट्टा खाईबाज हैं। इसकी बुक पर कार्यवाई करने की हिम्मत लखनादौन पुलिस भी नहीं कर पाई। सट्टा के कारोबार का यह किंग अपने पैसों की धौस पर लोगो को गरियाने और धमकाने से नहीं चूकता। यह अपनी रहिशी दिखाने के लिए जुआ फड में लाखों के दांव लगाता हैं।