लखनऊ, राष्ट्रबाण। उत्तरप्रदेश में मां-बेटे के रिश्ते को शर्मशार करने वाला मामला प्रकाश में आया है, दरअसल अपनी माँ को उसके बेटे ने अस्पताल में भर्ती करवाकर वहां से फरार हो गया। जबकि उसकी माँ लगातार उसका इंतजार करती रही, और आखिर में उसने दम तोड़ दिया। पुलिस द्वारा युवक के घर भी जाकर देखा गया, लेकिन उसके घर पर ताला लटका मिला, आखिर में इंस्पेक्टर द्वारा एक बेटे की तरह उस महिला का अंतिम संस्कार किया गया। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक 14 अक्तूबर की शाम आशियाना सेक्टर-एफ निवासी मीनू देवी (65) को इलाज के लिए बेटे राजेश साहू ने लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया। लो ब्लड प्रेशर, शुगर से ग्रसित मीनू ने देर शाम दम तोड़ दिया। लईया-चना का ठेला लगाने वाले राजेश को डॉक्टरों ने मां की मौत होने की जानकारी दी। यह सुनते ही राजेश अस्पताल से चला गया । डॉक्टरों ने राजेश का मोबाइल नम्बर मिलाया तो वह स्विच ऑफ मिला।
घर पर लगा था ताला, मोबाइल भी मिला बंद….
हरदोई निवासी राजेश साहू लईया चना का ठेला लगाता है। चार साल से वह सेक्टर-एफ में किराए पर रह रहा था। 14 अक्तूबर की रात मीनू देवी की मौत होने के बाद राजेश भाग निकला। कृष्णानगर कोतवाली से सिपाही अस्पताल में दर्ज राजेश के मकान पर पहुंचे। जहां मकान मालिक ने यह जानकारी दी। दो दिन तक सिपाही राजेश को तलाशने का प्रयास करते रहे। उसका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। वहीं, हरदोई में राजेश कहां रहता है, इसकी जानकारी मकान मालिक भी नहीं दे सके। नौ माह तक कोख में पलने वाले बेटे के मुंह मोड़ने पर मीनू देवी के शव की अंतिम यात्रा इंस्पेक्टर ने अपने कंधों पर निकालकर टीम के साथ मुखाग्नि दी।