मंत्री जी ठाठ में ,मरीज खाट में…

Rashtrabaan
Highlights
  • पुल टुटते ही खाट पर चला सिस्टम, आयुष मंत्री को कोस रही जनता
  • मंत्री की गाल बजा कर हांक रहे ढींगे, विकास से कोसो दूर है क्षेत्र

बालाघाट, राष्ट्रबाण। बीते साल अगस्त 2022 में बालाघाट जिले के लामता नैनपुर मार्ग पर ग्राम घंघरिया में मनकुवर नदी पर बना पुल बह जाने से लोगो की परेशानीया दोगुनी हो चुकी है। पुल के ढह जाने से जहां एक ओर आवागमन बाधित हो चूका है तो वहीं दूसरी ओर विपरीत परिस्थितियों मे किसी भी मरीज को लाने-लेजाने की जद्दोजहद भी बढ़ गयी है। जहा पुल के अभाव मे हालात के आगे नतमस्तक होकर लोग अपनी जान जोखिम मे डालकर नदी पार करने को मजबूर हो जाते है। जिससे जुडी एक तस्वीर भी निकलकर सामने आई थी, लेकिन अब एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने जिम्मेदारो की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खडा कर दिया है।

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विकास के दावो की पोल खोलती यह तस्वीर मध्यप्रदेश शासन के बालाघाट जिले के चांगोटोला क्षेत्र की है। जो मप्र शासन के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे के विधानसभा क्षेत्र परसवाडा के अंतर्गत आता है। जहा पिछले साल अगस्त 2022 में भारी बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढने से लामता से नैनपुर मार्ग पर ग्राम घाघरिया मे मनकुंवर नदी पर बना पुल बह गया था। इस पुल के बहने और आवागमन बाधित होने से लोगो की मुसबित भी दोगुनी हो गयी है।

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सिस्टम की पोल खोलती तस्वीर : खाट में मरीज ले जाते लोग।

इस हालात में लोगो को चिंता सतायें जा रही थी कि यदि क्षेत्र में कोई व्यक्ति बीमार पड जाये, तो उसे अस्पताल कैसे पहुचायेंगें? लेकिन उक्त पुल के बह जाने के बाद लोगो की सुविधा के लिए दो बार डायवार्सन मार्ग बनाया गया, लेकिन अफसोस वह डायवर्सन मार्ग भी मनकुंवर नदी के उफान पर आते ही बह गया। जिसके चलते वर्तमान में भी आवागमन पूरी तरह से बंद हो चूका है और लोग अपनी जान हथेली पर रखकर नदी पार करने बाध्य हो जाते है। क्योकि मनकुंवर नदी पर पुल ना होने से वाहनो के पहिये भी यहाँ आकर थम जाते है और लोगो को मजबूरन आगे सफर करने के लिए जान का खतरा मोड़ लेना पड़ता है। यह स्थिति पिछले एक साल से बनी हुई है। परंतु जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कभी इस ओर गंभीरता से नही सोचा। यह तस्वीरे यह भी बताती है कि क्षेत्र के विधायक व मप्र शासन के मंत्री रामकिशोर कावरे, अपने क्षेत्र की जनता के प्रति कितने सजग है, जो पिछले एक साल में मनकुंवर नदी पर नए पुल का निर्माण नहीं करवा सके?

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अब इस तस्वीर को देखने के बाद उनके गैर जिम्मेदाराना रवैया का बखान करना कोई अतिश्योक्ति नहीं होंगी, क्योकि समस्या उन्ही के क्षेत्र की जनता की है। विपक्ष के नेता और लोगो का कहना है कि मंत्री कावरें इतने गंभीर विचारधारा के होते तो आज ये हालात नही होते कि लोग अपनी जान हथेली में रखकर मनकुंवर नदी को पार करते। 19 जुलाई की शाम एक ऐसी ही तस्वीरे देखने मिली, जहां अस्पताल से उपचार के बाद लौटे एक मरीज को एम्बुलेंस से मनकुंवर नदी के एक छोर तक लाया गया। लेकिन रास्ता बाधित होने के चलते एम्बुलेंस मरीज के गांव तक नही पहुंच सकी। जिसके बाद परिजनो व ग्रामीणो ने मरीज को खाट में लेटाया और उसे पकडकर नदी पार करते हुए गांव लेकर गये। जिसका एक वीडियों भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि मरीज राजू नगपुरे ग्राम घंघरिया निवासी है जो करीब एक सप्ताह पहले सडक हादसे में घायल हुआ था और 19 जुलाई को शाम करीब 05 बजे गांव लौटा है। एक एम्बुलेंस से लाया गया था, लेकिन मनकुंवर नदी पर मार्ग बंद होने से एम्बुलेंस उसे वही छोडकर चली गई। जिसके बाद परिजन व ग्रामीणों की सहायता से मरीज को चौपाई खाट पर लिटा कर नदी पार कराया गया और घर पहुचाया। ऐसे हालात के पीछे कही ना कही जिला प्रशासन व क्षेत्र के सत्ता काबीज जनप्रतिनिधि जिम्मेंदार ठहराये जा रहे है। जिन्होने मनकुंवर नदी पर बने पुल के ढहने के बाद उस समस्या को कभी गंभीरता से नही लिया। मौजूदा समय में पुल के ना होने से लामता से नैनपुर का परिवहन संपर्क टूटा हुआ है और आपातकाल स्थिति में लोगो को भारी मुसीबते झेलनी पड रही है। खानापूर्ति के लिये बनाया गया डायवर्सन पुल भी बाढ के जवाब दे चुका है। देखा जाये तो क्षेत्र के विधायक याने मंत्री रामकिशोर कावरें खुद को जनता के प्रति गंभीर बताते हुए विकास कार्यो की बौछार लगा रहे है। सरकार की उपलब्धीयों का जनता के बीच गुणगान करते है, लेकिन उन्हे आज और कल की जरूरतों का शायद अनुभव नही है।

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मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए जो विकास कार्य उन्हे पहले करने चाहियें, उसे दरकिनार करके मंत्री कावरें भूमिपूजन और उद्घाटन करने में मदमस्त है। लोगो की पहली आवश्यकता की ओर उनका कोई ध्यान नही है। जिसका सीधा खामयाजा जनता भुगत रही है। रामकिशोर कावरें व्यक्तिगत तौर पर रेत और अन्य कारोबार से करोडो अरबो रूपये कमा चुके है। वही उनका पूरा ध्यान खुद की संपत्ति बढाने में होने का आरोप खूब लग रहा है। आरोप है कि निजी स्वार्थ के कारण वे अपने विधानसभा क्षेत्र में ध्यान नही दे पा रहे है। जिसका खामयाजा क्षेत्र की जनता को यातनायें सहकर भुगतनी पड रही है। कई बार मंत्री रामकिशोर कावरे पर रेत के कारोबार और अन्य व्यापार से निजी स्वार्थ साधने के आरोप लगते रहते है। जिनकी संपत्ति को लेकर भी सवाल खडे होते रहे है।

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