ट्रंप का बदला सुर बोले- मोदी मेरे दोस्त लेकिन भारत का रूस से तेल खरीदना पसंद नहीं

Rahul Maurya

वॉशिंगटन, राष्ट्रबाण: भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी दोस्ती को रेखांकित किया है। ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “मोदी मेरे दोस्त हैं, और भारत के साथ हमारे रिश्ते बेहद खास हैं। लेकिन भारत का रूस से तेल खरीदना मुझे पसंद नहीं।” यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत पर अमेरिका ने रूस से तेल आयात के कारण 50% टैरिफ लगा दिया है, जिससे दोनों देशों के रिश्ते दो दशकों में सबसे निचले स्तर पर हैं।

टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि

अमेरिका ने भारत पर पहले 25% टैरिफ लगाया था, जो अब बढ़कर 50% हो गया है। यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भारत के रूस से सस्ते तेल के आयात को लेकर उठाया गया। ट्रंप ने कहा, “भारत रूस से बहुत ज्यादा तेल खरीद रहा है, जिससे हम निराश हैं।” इससे पहले ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि भारत और रूस, चीन के करीब जा रहे हैं, जिसे उन्होंने ‘भारत को खोने’ की बात कहा था। इस बयान के साथ उन्होंने मोदी, पुतिन, और शी जिनपिंग की एक तस्वीर भी साझा की थी, जिसने सुर्खियाँ बटोरीं।

ट्रंप की दोस्ती और आलोचना

ट्रंप ने भारत के साथ संबंधों को सुधारने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, “मैं और मोदी हमेशा दोस्त रहेंगे। वह एक शानदार नेता हैं। लेकिन भारत जो कर रहा है, वह मुझे पसंद नहीं।” ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता को सकारात्मक बताया, लेकिन यूरोपीय यूनियन के साथ अपनी निराशा भी जाहिर की। उनके वरिष्ठ सलाहकार पीटर नैवारो ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत रूस से तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहा है और यूक्रेन युद्ध में रूस को अप्रत्यक्ष रूप से फंडिंग दे रहा है।

भारत की कूटनीतिक स्थिति

भारत ने रूस से तेल आयात को अपनी ऊर्जा जरूरतों और वैश्विक बाजार में किफायती कीमतों के लिए जरूरी बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल ही में कहा था, “भारत की नीति संतुलित और राष्ट्रीय हितों पर आधारित है। हम सभी देशों के साथ सकारात्मक संबंध चाहते हैं।” भारत ने रूस से तेल आयात 2022 के बाद से बढ़ाया है, क्योंकि रूस ने यूक्रेन युद्ध के बाद सस्ते दामों पर तेल की आपूर्ति शुरू की थी। यह भारत जैसे विकासशील देशों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद रहा है।

वैश्विक मंच पर भारत-अमेरिका संबंध

भारत और अमेरिका के बीच क्वाड और रक्षा साझेदारी जैसे मंचों पर सहयोग मजबूत रहा है। लेकिन टैरिफ विवाद ने दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में तनाव पैदा किया है। नई दिल्ली के विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ. अनिल शर्मा ने कहा, “ट्रंप का बयान उनकी आर्थिक नीतियों का हिस्सा है। लेकिन भारत और अमेरिका के रणनीतिक रिश्ते इतने मजबूत हैं कि यह तनाव अस्थायी होगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत अपनी ऊर्जा नीति में रूस, अमेरिका, और अन्य देशों के साथ संतुलन बनाए रखेगा।

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