बिहार, राष्ट्रबाण: बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जहां राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस ने डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर दो EPIC नंबर होने का गंभीर आरोप लगाया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने रविवार, 10 अगस्त 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि विजय सिन्हा ने बांकीपुर और लखीसराय से मतदाता पुनरीक्षण (SIR) फॉर्म भरा है, और उनके नाम दो
अलग वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। इतना ही नहीं, दोनों लिस्ट में उनकी उम्र भी अलग-अलग बताई गई है—लखीसराय में 57 साल और बांकीपुर में 60 साल। तेजस्वी ने चुनाव आयोग से इसकी जांच की मांग की और कहा कि यदि सिन्हा गलत पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। यदि आयोग गलत साबित होता है, तो पूरी SIR प्रक्रिया रद्द कर दी जाए। इस आरोप ने बिहार की सियासत को गर्मा दिया है, और सभी की नजरें अब चुनाव आयोग पर हैं कि क्या वह डिप्टी सीएम से जवाब मांगेगी।
तेजस्वी यादव के आरोप
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विस्तार से बताया कि विजय सिन्हा का एक EPIC नंबर IAF 39393370 है, जिसका सीरियल नंबर 274 है, और दूसरा AFS0853341 है, सीरियल नंबर 767। उन्होंने दावा किया कि सिन्हा का नाम दो विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज है, जो चुनावी नियमों का उल्लंघन है। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि क्या सिन्हा दो जगह वोट डालना चाहते हैं? उन्होंने SIR प्रक्रिया को फर्जीवाड़ा बताया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी यह मामला लंबित है।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का फॉर्मेट बदल दिया है, जिससे फाइलें हैवी हो गई हैं और सर्च करना मुश्किल। पहले टेक्स्ट-बेस्ड पीडीएफ डाउनलोड होता था, अब इमेज-बेस्ड। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग उनके दावे-आपत्तियों को नहीं दिखा रहा है। तेजस्वी ने दोनों डिप्टी सीएम (सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा) पर ‘उम्र घोटाला’ का आरोप लगाया और चुनाव आयोग को ‘गोदी आयोग’ करार दिया।
विजय सिन्हा की सफाई
आरोपों के जवाब में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका वोट केवल लखीसराय से है और उन्होंने पटना के बांकीपुर से अपना नाम ट्रांसफर कराया था। सिन्हा ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि यह तकनीकी गलती है और वे केवल एक जगह वोट डालते हैं।
उन्होंने तेजस्वी पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि ‘जंगलराज के युवराज’ संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम कर रहे हैं। सिन्हा ने माफी की मांग की और कहा कि पूरा बिहार जानता है कि तेजस्वी झूठ बोल रहे हैं। चिराग पासवान ने भी तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा कि यह राजनीतिक स्टंट है। सिन्हा ने SIR प्रक्रिया को सही ठहराया और कहा कि विपक्ष बेवजह विवाद पैदा कर रहा है।
चुनाव आयोग की स्थिति
अभी तक चुनाव आयोग ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। तेजस्वी की मांग है कि आयोग जांच करे और यदि गलती साबित हो तो SIR रद्द करे। हालांकि, आयोग ने पहले तेजस्वी के अन्य आरोपों पर नोटिस भेजा था, लेकिन इस नए मामले में कोई कार्रवाई की खबर नहीं है। विपक्ष का दावा है कि आयोग पक्षपाती है, जबकि बीजेपी इसे निराधार बताती है। सुप्रीम कोर्ट में SIR से जुड़ा मामला लंबित है, जो मतदाता सूची में कथित फर्जीवाड़े से संबंधित है। विशेषज्ञों का कहना है कि दो EPIC नंबर होना गंभीर अपराध है, लेकिन तकनीकी त्रुटि भी संभव है। आयोग की जांच से ही सच्चाई सामने आएगी।
राजनीतिक प्रभाव
यह विवाद बिहार में आगामी चुनावों से पहले विपक्ष की रणनीति का हिस्सा लगता है। तेजस्वी ने SIR को ‘बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा’ बताया और कहा कि डिप्टी सीएम का नाम दो जगह होना इससे बड़ा सबूत नहीं हो सकता। कांग्रेस ने भी आरोपों का समर्थन किया और कहा कि चुनाव आयोग को गोदी बनकर नहीं रहना चाहिए। बीजेपी ने इसे विपक्ष की हताशा करार दिया। यदि आयोग जवाब मांगती है, तो यह विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन सकता है। फिलहाल, सभी पक्षों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, लेकिन आयोग की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है।
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