Weather: भारत के 14 राज्यों में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, और जम्मू-कश्मीर में स्थिति गंभीर है, जहाँ नदियाँ और नाले उफान पर हैं, भूस्खलन से सड़कें बंद हैं, और कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले पांच से सात दिनों तक गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, असम, ओडिशा, महाराष्ट्र, और कर्नाटक सहित कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। राजस्थान में 30 अगस्त तक और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, और उत्तराखंड में 26-31 अगस्त तक भारी बारिश का अनुमान है। उत्तर प्रदेश में मंगलवार से बारिश की तीव्रता कम हो सकती है।
प्रभावित राज्य और नुकसान
पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश और भूस्खलन ने 14 राज्यों—हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, असम, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल—में तबाही मचाई है। नदियाँ जैसे गंगा, कोसी, बागमती, पंचगंगा, मिथी, और सुबर्णरेखा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बिहार में 25 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, और 10 जिलों में गंगा, कोसी, और बागमती जैसी नदियाँ उफान पर हैं। राजस्थान में कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, और झालावाड़ सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जहाँ 91 लोगों की मौत हो चुकी है। सवाई माधोपुर में सूरवाल बाँध के उफान से गाँव जलमग्न हो गए। हिमाचल में 793 सड़कें बंद हैं, और मंडी, कुल्लू, और कांगड़ा में भूस्खलन से एक व्यक्ति की मौत हुई।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र और सक्रिय मॉनसून ट्रफ भारी बारिश का कारण बन रहे हैं। गुजरात में 30 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहेगी, जिसमें 26 अगस्त को 28 मौसम स्टेशनों ने 210-400 मिमी बारिश दर्ज की। तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, और कर्नाटक में 13-19 अगस्त तक भारी बारिश हुई, और अगले सात दिनों तक यह सिलसिला जारी रह सकता है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 7-13 अगस्त तक भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में 26-31 अगस्त तक हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की संभावना है।
राहत और बचाव कार्य
राजस्थान में सेना और वायुसेना राहत कार्य में जुटी है, और कोटा-बूंदी जैसे क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। बिहार में 32 NDRF और SDRF टीमें बचाव कार्य में लगी हैं। महाराष्ट्र में मिथी नदी के उफान से मुंबई में 350 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, और NDRF की पाँच टीमें तैनात हैं। उत्तराखंड में धाराली गाँव में बाढ़ और भूस्खलन से 150 लोग बचाए गए, लेकिन 42 अभी लापता हैं। ओडिशा में सुबर्णरेखा और बूढ़ाबालंग नदियों के उफान से बालासोर और मयूरभंज में लोगों को निकाला गया।
चुनौतियाँ और सावधानियाँ
भारी बारिश से सड़कों, रेलवे ट्रैक, और बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा है। मुंबई में मॉनसून ने 350 मिमी बारिश के साथ जनजीवन ठप कर दिया, और 15 लोगों की मौत हुई। हिमाचल में 257 लोगों की मौत मॉनसून से जुड़ी घटनाओं में हुई। IMD ने नदियों के किनारे रहने वालों को सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है। जलजमाव, बाढ़, और भूस्खलन के जोखिम को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज बंद किए और आपातकालीन हेल्पलाइन शुरू की हैं।