मंडला, राष्ट्रबाण। नशा मुक्ति अभियान के खिलाफ चल रही श्वेतांबर जैन मुनि सुधाकर जी महाराज की पदयात्रा मंडला जिला पहुंचने के बाद मंडल प्रवास के बाद अब जबलपुर की ओर रवाना हो गई है। जैन मुनि सुधाकर जी महाराज की पदयात्रा मंडला जिला पहुंची जहां उनका आत्मीय स्वागत किया गया। मांडा में दिन में यात्रा करने के बाद जैन मुनि सुधाकर जी ने मंडला जिले के तिंदनी में ही रात्रि विश्राम किया और उसके बाद अलगी सुबह जबलपुर की ओर रवाना हो गए । इस बीच जैन मुनि ने पत्रकारों से अलग-अलग विषयों में बातचीत करते हुए कहा कि “यथा राजा तथा प्रजा” केवल लोकोक्ति नहीं है यह आज यथार्थ का दर्शन है। राजनेताओं के आचरण और व्यवहार का पूरे देश पर प्रभाव पड़ता है, संपूर्ण देश पर उनका अशोभनीय व्यवहार लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए घातक है, संसद भवन में घटी घटना को देखते हुए जैन मुनि सुधाकर जी ने कहा यह घटना लोकतंत्र के मंदिर का अपमान है ऐसे सांसदों को अवश्य संसदीय प्रणाली के माध्यम से चेतना चाहिए जिससे कि ऐसी घटनाएं पुनः घटित ना हो।
मंडला पहुंचे मुनि श्री ने राजनीति और धर्म के लिए कहा कि राजनीति में धर्म का उपयोग नहीं होना चाहिए। मंदिर, मस्जिद आज राजनीति के लिए खेल खिलौना बन रहे हैं, धर्म उच्च कोटि की साधना है धार्मिक मान्यताओं उपासनाओं से ज्यादा संप्रदाय को महत्व देना खतरा है। आचार्य तुलसी ने कहा था “इंसान पहले इंसान फिर हिंदू या मुसलमान मानव धर्म एवं इंसानियत से बड़ा दुनिया में कोई धर्म नहीं है।अल्पसंख्यक एवं बहुसंख्यक वाद की राजनीति समाज को बांटने का कुचक्र है धार्मिक नेताओं को भी धार्मिक सहिष्णुता का परिचय देना चाहिए। धार्मिक सहिष्णुता,अखंड भारत की पहचान है हमें अपने वासुदेव कुटुंब के आदर्श को नहीं भूलना चाहिए। आज जिस तरह से चुनावी विजय के लिए धर्म और संप्रदायवाद से जो खिलवाड़ किया जा रहा है, आने वाले समय में उनसे होने वाले दुष्परिणामों को हमें नहीं भूलना चाहिए ।
संसद में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर के लिए दिए बयान पर मुनिश्री ने कहा कि राजनीति करने की अपेक्षा राजनेताओं को उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए । समाज में बढ़ते नशे के खिलाफ अपनी यात्रा पर कहा कि एक जनवरी तक हमारी यात्रा जबलपुर पहुंच जाएगी। ज़हां तक नशे का सवाल है तो यह आतंकवाद, नक्सलवाद एवं भ्रष्टाचार से भी ज्यादा घातक है आज युवा पीढ़ी नशीले पदार्थों की आदि बन चुकी है। जिससे परिवारों में शांति, विषमता पनप रही है, घर घर हिंसा और अपराध का भी मुख्य कारण नशा है। हमें युवा पीढ़ी को नशा मुक्ति की तरफ बढ़ाने के लिए सघन प्रयास करने होंगे। शासन और प्रशासन जब तक कड़े कदम नहीं उठाएगी नशा मुक्ति का संकल्प सकार नहीं हो सकता नशा नाश का द्वार है। नशे से आज हस्ती खेलती जिंदगी भी वीराने में बदल रही है परिवार उजड़ रहे हैं।