Balaghat News : कांग्रेस में अनुभा आई! गुटबाजी का संकट लाई?

Rashtrabaan
कांग्रेस में गुटबाजी की अन्तर्कलह
Highlights
  • हिना के द्वारा अनुभा को कांग्रेस में लाते ही मचा घमासान
  • पूर्व में भी कांग्रेसी नेता अनुभा को सपा प्रत्याशी रहते कर चुके सपोर्ट

लांजी विधायक हिना कावरे (Hina Kavre) कांग्रेस में अपना कद बढ़ाने के लिए कांग्रेस में अनुभा मुंजारे (Anubha Munjare) को लाई लेकिन अनुभा के कांग्रेस में आते ही पार्टी में गुटबाजी के संकट मंडराने लगे। अब गुटबाजी इतनी खुलकर होने लगी हैं कि यह सड़को और चौराहों में चर्चा का विषय बन गई हैं। तो क्या हिना के इशारे में अनुभा को सपा प्रत्याशी रहते सम्राट  सरस्वार ने किया फायनेंस। क्या हिना अपने किला को बचाने चढ़ा रही अन्य विधानसभा में कांग्रेस की बलि?

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बालाघाट (राष्ट्रबाण)। बालाघाट में कांग्रेस दिन-ब-दिन गुटबाजी के चलते बैकफुट पर जाते नजर आ रही है। जब से संजय उईके कांग्रेंस जिलाध्यक्ष बने है और हीना कावरे की जिला मुख्यालय में सक्रियता बढी है। तब से कांग्रेसी गुटबाजी के चलते आपस में ही बिखरने लगे है। आपको बता दे कि बालाघाट विधानसभा से कांग्रेस के तीन प्रमुख प्रबल दावेदार अनुराग चतुरमोहता, सम्राट सरसवार और अनुभा मुंजारे है और सभी के अपने अपने समर्थक है। जिसके चलते वह अपनी सक्रियता दिखाते रहते है। गुटबाजी का नजारा पहले भी कांग्रेस में था। परंतु कुछ माह पहले जैसे ही हीना कांवरे जिले में सक्रिय होकर अपने नेतृत्व में अनुभा मुंजारे को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई। तभी से पुराने सक्रिय कार्यकर्ताओं में आपसी विरोध शुरू हो गया। लगभग 10 वर्षो से संजय उईके और हीना कावरे विधायक के पद में है, परंतु जिले की राजनीति में इन दोनो की दिलचस्पी पिछले 06 महिनो से ही दिख रही है। जिले में सक्रिय होने के बावजूद हीना कावरे और संजय उईके अपने कार्यकर्ताओं में आज तक सामन्जस्य नही बिठा पायें और ना ही अपने कार्यकर्ताओं को अपनी कार्यप्रणाली से संतुष्ठ कर पायें। अगर इसी तरह इन दोनो नेताओं की कार्यप्रणाली रही तो जिले की 06 विधानसभा सीटो में सिर्फ एक या दो सीट ही कांग्रेस ला पायेगी। स्वंय संजय उईके और हीना कावरे भी अपनी सीट बचाने में सफल नही हो पायेगें। 

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           ज्ञात हो कि बालाघाट जिले में कांग्रेस संगठन की नैय्या पार लगाने की बडी जिम्मेंदारी लांजी विधायक हीना कावरें और बैहर विधायक संजय उईके (Sanjay Uike) के कांधो पर सौंपी गई है। जो अपने स्तर पर संगठन को संभालने का कार्य भी कर रहे है लेकिन कार्यकर्ताओं पर इनकी पकड इतनी मजबूत नही है कि इनका आदेश जारी हुआ और कार्यकर्ता इनकी बात से सहमत हो जायें। जबकि सत्यता यह है कि हीना कावरे और संजय उईके भी संगठन की विचाराधारा से परे होते जा रहे है और इन पर पक्षपात के आरोप लगने लगे है। यही वजह है कि कांग्रेस कार्यकर्ता भी कई गुटो में बट चुके है। 

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साफ झलक रही गुटबाजी : हाल ही में एक वायरल ऑडियो भी सामने आया है, जहां दो लोगो के बीच बाते से गुटबाजी साफ झलक रही है। उक्त आडियों में जीतू बर्वे सेवादल जिलाध्यक्ष और शहबाज अहमद जिलाध्यक्ष कांगे्रस आईटी सेल बालाघाट के बीच का है। जहां जीतू बर्वे द्वारा शहबाज अहमद को यह कहा जा रहा है कि अकेले अनुभा मुंजारे को ही सोशल मीडिया में हाईलाईट नही किया करो…..अनुराग चतुरमोहता (Anurag Chaturmohata) को भी हाईलाईट किया करो। जिस पर शहबाज अहमद द्वारा यह कहा गया कि जहां अनुराग भैये रहेगें…वहां उन्हे भी हाईलाईट करूंगा। इस जवाब पर जीतू बर्वे बिफर पडे और कहा कि अनुभा मुंजारे को कांग्रेस से टिकट मिल गई क्या? जो उसे ज्यादा महत्व देता है। मेरा तेरे से व्यक्तिगत कहना है कि मैने संगठन में बोलकर और मेहनत करके तुझे जिलाध्यक्ष बनाये है, लेकिन तू हमारे लिये ही वफादारी नही कर रहा है? सम्राट भैया ने मुझे कहा कि क्या जीतू, पूरा शहर खराब कर रहा है अनुराग और तू अनुराग के साथ काम कर रहा है? मैने कहा कि भैया तुम जाकर अनुराग को बोलो, हीना को बोलो तुम या जिलाध्यक्ष को बोलो? तुम भी तो जिलाध्यक्ष हो, तुम तो माहौल खराब करते हो, मैने यह सम्राट भैया को स्पष्ठ बोला। मैने बोला सम्राट भैया- अनुभा जब साईकिल से चुनाव लडी, तब आपने 10 लाख रूपये खर्चा करके चुनाव में उसका काम किये थे। वो…..श्याम पंजवानी हमारा नाम डालता था क्या और नाम काटकरके पांचवे नंबर पर नाम डालता था। शहबाज भाई राजनीति को राजनीति के समान करना पडेगा, जो दिख रहा है उसी को दिखाओं और बनो ईमानदार। 

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              इस प्रकार जीतू बर्वे और शहबाज अहमद के बीच हुई बातचीत अब शहर में जनचर्चा का विषय बन चुकी है। यह ऑडियो वायरल होने के बाद बालाघाट कांग्रेस की राजनीति में बहुत कुछ उथल पुथल हो सकता है और संगठन के पदो में भी बदलाव हो सकता है। लेकिन यह बात तो तय है कि जिले की राजनीति में सक्रियता लाने एवं कार्यकर्ताओं को एकजुट कर पाने में जिलाध्यक्ष संजय उईके और हीना कावरे फिसड्डी साबित हो रहे है।

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