बालाघाट/लालबर्रा, राष्ट्रबाण। मध्यप्रदेश के कई ऐसे क्षेत्र जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। अगर हम बात करें बालाघाट जिले की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो आपको झकझोर देने वाली है। हम बात कर रहे हैं, लाँजी- किरनापुर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्र टेमनी गांव की। जहां सड़क न होने के कारण एक गर्भवती महिला को लगभग एक किलोमीटर तक खाट पर ले जाना पड़ा।
भले ही भाजपा नेता अपने विकास की ढींगे हांकते थकते नहीं है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। आज भी जिले के कई क्षेत्रो पर सड़क नही होने से ग्रामीण गंभीर मरीजों को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जो भाजपा के विकास की पोल खोलता है, गर्भवती महिला को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हो रहा है। घटना ग्राम पंचायत टेमनी की है। क्षेत्रों में लगातार इस प्रकार की तस्वीरें सरकार को चुनौती दे रही हैं। कई क्षेत्रों में आम जनता खाट और झेलगी के सहारे अस्पताल तक या फिर एंबुलेंस तक पहुंचने को मजबूर है। जनता का यह दर्द आखिर कब समझेंगे प्रशासन, शासन और जनप्रतिनिधि और यह सब कब तक चलता रहेगा। अब यह घटना सोशल मीडिया में वायरल हो रही है और भाजपा के विकास के दावों की पोल खोल रही है।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार यह मामला टेमनी गांव का है एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर डायल 108 को फोन किया गया था। 108 तो आ गई लेकिन सड़क नहीं होने की वजह से एंबुलेंस महिला के घर से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर ही खड़ी रही। परिजनों ने लगभग एक किलोमीटर खाट पर लादकर गर्भवती महिला को 108 एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद प्रसव पीड़िता महिला को हॉस्पिटल पहुंचाया गया। जिससे उसे स्वास्थ्य लाभ मिलना शुरु हो सका। महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया और जच्चा व बच्चा दोनो सुरक्षित है।
व्यवस्थाओं पर सवाल
एक तरफ सरकार और पार्टी के नुमाइंदे प्रदेश में विकास होने का दंभ भरते है तो दूसरी तरफ इस तरह की तस्वीर लोगो को बिचलित कर देती है। हम बात कर रहे हैं टेमनी गांव की जहां पुरा गॉव आज एकत्रित हुआ है। वहीं मीडियाकर्मियों के सामने परेशानियों का अम्बार बताया वहीं पंचायत और विधायक की करतूत की पोल खोलते रहे ,ग्रामीणों ने कहा की इस गॉव में चुनाव के वक्त घर-घर आकर वोट तो मांगा जाता है किन्तु जितने के बाद वापस पलटकर कोई नही आता है, कोई गांव में आकर झांकर भी नहीं देखता। ना हि ग्रामीणों को किसी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होती है और न ही उनकी समस्या सुनी जाती है। ग्रामीण जनता में आक्रोश भरा हुआ है की आज भी गॉव आंगनवाड़ी, स्कुल, सड़क से कोसों दुर है, क्या ग्रामीणों की आंगनवाड़ी,स्कुल, सड़क सुविधाओं की मांगे पूरी होगी या फिर नेताओ द्वारा उन्हें इसी तरह छला जायेगा, यह सवाल अब भी ग्रामीणों के सामने बना हुआ है।