भोपाल, राष्ट्रबाण। दिल्ली में शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर 10 दिन की रिमांड पर लिया है। वहीं उनकी पत्नी द्वारा उनका बचाव किया जा रहा है। लेकिन इस बीच केजरीवाल की गिरफ्तारी पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपना बयान जारी किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में ‘असंवैधानिक आपातकाल’ लगा हुआ है जहां विपक्ष और लोकतंत्र की आवाज दबाई जा रही है। उन्होंने ईडी द्वारा केजरीवाल को अरेस्ट किए जाने की निंदा की। एमपी के पूर्व सीएम ने पत्रकारों से कहा, ‘उनकी गलती यह थी कि वह इंडिया ब्लॉक के पार्टनर बन गए और आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस दिल्ली में एकसाथ चुनाव लड़ रहे हैं। मैं गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं।’ जब सिंह से पूछा गया कि क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी ‘असंवैधानिक आपातकाल’ के तहत हुई है, तो उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से, उन्हें इसके तहत ही गिरफ्तार किया गया है।’ ईडी ने गुरुवार रात केजरीवाल को शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया, जिसकी विपक्षी दलों ने आलोचना की है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उनकी गलती यह थी कि नोटिस मिलने के बाद भी वह एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।’ सिंह ने दावा करते हुए कहा, ‘भारत के इतिहास में, यह पहली बार है कि दो सिटिंग मुख्यमंत्रियों को जेल भेजा गया है। झारखंड के (तत्कालीन) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर इस वादे के साथ भाजपा में शामिल होने के लिए दबाव डाला गया था कि उनके खिलाफ चल रहे केस अन्य मामलों की तरह खत्म कर दिए जाएंगे।’सिंह ने आगे कहा, ‘लेकिन सोरेन ने जेल जाना स्वीकार किया। यह सच्चा आदिवासी कैरेक्टर (चरित्र) है।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ लोग 70 के दशक आज के आपातकाल की तुलना करते हैं। उन्होंने कहा, वह आपातकाल एक अधिनियम के तहत अस्तित्व में आया था यानी एक कानून के तहत… लेकिन यह आपातकाल असंवैधानिक है जिसके जरिए प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और सीबीआई को लोगों का गला घोंटने और जबरन वसूली करने के लिए कहा जा रहा है।’राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि लोकतंत्र और विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने अपनी पार्टी के खाते फ्रीज करने को लेकर भी भाजपा शासित केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सिंह ने कहा, ‘रुकावट डालने और कांग्रेस को चुनाव प्रक्रिया से हटाने की कोशिश की जा रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, कांग्रेस जिसने धन जुटाया वह उस पैसे को खर्च करने में असमर्थ है।