Bhopal News: आजीवन कारावास वाले कैदियों को 15 अगस्त को किया जाएगा रिहा, रेप केस के आरोपियों को नही मिलेगी राहत

Rashtrabaan

भोपाल, राष्ट्रबाण। प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा इस बार 15 अगस्त में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को रिहा किया जाएगा। गृहमंत्री ने यह भी साफ तौर पर कहा कि रेप के अपराधियों की रिहाई नहीं की जाएगी। वहीं द्वितीय विश्वयुद्ध के भूतपूर्व सैनिकों और इसमें हिस्सा लेने वाले दिवंगत सैनिकों की पत्नियों की सम्मान निधि में इजाफा भारत सरकार करने जा रही है। मीडिया से चर्चा के दौरान इस सन्दर्भ में जानकारी देते हुए गृहमंत्री एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सम्मान निधि अब 15 हजार रुपए प्रतिमाह दी जाएगी। द्वितीय विश्व युद्ध के नॉन पेंशनर भूतपूर्व सैनिक और दिवंगत सैनिकों की पत्नियों को अभी 8 हजार रुपए प्रतिमाह सम्मान निधि दी जा रही है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने भूतपूर्व सैनिक और उनकी पत्नियों की संख्या 112 है। इनमें 2 भूतपूर्व सैनिक हैं। 2 भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियां हैं।
वहीं 15 अगस्त को आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 कैदी रिहा किए जाएंगे। हालांकि, इसमें कुछ शर्तें हैं।

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इन शर्तों पर कैदी होंगे रिहा..

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दरअसल आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों के रिहा होने में भी कई प्रकार के नियम लागू किए गए हैं। कैदियों को रिहा करने में जिन बंदियों की सजा में अपील लंबित है, तो ऐसे केस में निराकरण के बाद ही इनकी रिहाई हो सकेगी। इसी प्रकार जिन्हें जुर्माने से दंडित किया गया है, राशि भरने के बाद ही रिहाई संभव होगी। किसी दूसरे केस में भी उन्हें सजा हुई है, तो उस केस की सजा पूरी होने पर रिहाई होगी। जिन्हें दूसरे केस में जमानत नहीं मिली, उन्हें विचाराधीन बंदी के रूप में रोका जाएगा, सजायाफ्ता के रूप में नहीं। किसी दूसरे राज्य के केस में दंडित किया गया है, तो वहां के राज्य में स्थानांतरित किया जाएगा।

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अब साल में चार बार कैदी रिहा होंगे…

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गृह एवं जेल मंत्री ने कहा, पहले आजीवन कारावास वाले कैदी साल में दो बार रिहा किए जाते थे। हमने इसमें सुधार किया है। अब साल में चार बार कैदी रिहा किए जाने लगे हैं। ऐसा देखने में आया है कि कुछ कैदियों की अवधि हो जाती है, लेकिन उनकी रिहाई 4 – 5 महीने बाद 15 अगस्त, 26 जनवरी को होती थी।
अब साल में 4 बार में कैदी रिहा किए जा रहे हैं। गांधी जयंती और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती भी इसमें पिछले साल से बढ़ाई गई है। पिछली बार 2 अक्टूबर, 26 जनवरी, 14 अप्रैल और 15 अगस्त के दिन कैदियों को रिहा करने की व्यवस्था शुरू कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त 15 गैर आजीवन कारावास बंदियों को भी इसमें छूट दी जा रही है।

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