भोपाल, राष्ट्रबाण। मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा के अंतिम और मानसून सत्र का आगाज हंगामे से हुआ। वहीं एक महिला कांग्रेस विधायक तो मिर्च टमाटर की माला पहनाकर विधानसभा सत्र पर पहुँची। जहां उन्होंने बढ़ती महंगाई का जिक्र किया। मानसून सत्र का आगाज वंदे मातरम गीत के दौरान कांग्रेस के द्वारा उठाए गए आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों का मामला हंगामें एवं नारेबाजी की बीच उठाया गया। इस पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने वंदे मातरम गीत का अपमान किया है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि वंदे मातरम गीत सत्र के शुरू में होता है। कांग्रेस ने गीत से पहले जो हंगामा किया, वह दुखद है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सदन में पहुंचते ही कांग्रेस विधायक बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा और कांतिलाल भूरिया आदिवासी मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर मांग करने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पहले वंदे मातरम हो जाने दीजिए, इसके बाद चर्चा होगी। इसके बाद कांग्रेस विधायक शांत हुए। वंदे मातरम का गायन हुआ। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी संसदीय परंपराओं को तोड़ रही है। वंदे मातरम का अपमान कर रही है। सदन में वंदे मातरम का गायन समय पर नहीं होने दे रही है। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि जब कांग्रेस विधायकों ने सदन में आदिवासी मुद्दे पर चर्चा कराने को लेकर मांग की तब वंदे मातरम का गायन शुरू ही नहीं हुआ था। जब वंदे मातरम का गायन शुरू ही नहीं हुआ था तो फिर संसदीय कार्य मंत्री किस तरह से आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस विधायकों ने वंदे मातरम का अपमान किया।
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रैगांव की कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा टमाटर ने पहनी मिर्च ओर टमाटर की माला
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रैगांव की कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा टमाटर और मिर्च से बनी माला पहनकर सदन पहुंचीं। उन्होंने कहा कि “हर तरफ बहनें परेशान हो रही हैं। मैं सरकार की योजना का विरोध करती हूं। टमाटर और सब्ज़ियों के बढ़ते दामों से जनता परेशान है। ऐसी योजनाओं का कोई फायदा नहीं है।” इस पर नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि “सिर्फ मध्य प्रदेश में ये थोड़ी ना महंगा है। राजस्थान में आपकी सरकार है। राजस्थान में क्या कुछ महंगा नहीं है? वहां क्या फ्री में मिल रहा है? ये सब मौसमी सब्जियां हैं। टमाटर का उत्पादन बारिश से प्रभावित होता है। यह मौसमी महंगाई है।”
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आदिवासियों के मुद्दों पर भाजपा-कांग्रेस की तीखी बहस…
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सदन में आदिवासियों के मुद्दों पर भाजपा कांग्रेस आमने सामने दिखाई दिए। जिसमे नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने आदिवासियों के मुद्दे पर सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किस समय में आप बोल रहे हैं। प्रश्नकाल समाप्त हो चुका है। तब नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं शून्यकाल में बोल रहा हूं। उन्होंने आदिवासी मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति देने को कहा। उन्होंने कमलनाथ को आदिवासी मुद्दे पर बोलने के लिए कहा। कमलनाथ ने जैसे ही बोलना शुरू किया, संसदीय कार्य मंत्री खड़े होकर विरोध जता दिया। संसदीय कार्य मंत्री ने प्वाइंट आफ ऑर्डर का मुद्दा उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब अनुमति बोलने के लिए नेता प्रतिपक्ष को मिली है तो दूसरे माननीय विधायक कैसे बोल सकते हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमलनाथ उसी मुद्दे पर बोल रहे हैं जिस मुद्दे के लिए हमने समय लिया है। इसके बाद दोनों पक्षों के नेताओं में आदिवासी मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि कार्य मंत्रणा समिति में आदिवासी मुद्दे पर चर्चा करने को लेकर विचार ज़रूर ज़रूर हुआ, लेकिन निर्णय नहीं हुआ। इसलिए चर्चा आज नहीं होगी। मैं उस विषय पर चर्चा करके निर्णय लूंगा। इसके बाद सदन अध्यक्ष ने कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया। दोबारा सदन के शुरू होने पर कांग्रेस ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सदन बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।