हरियाणा, राष्ट्रबाण। नूंह में हुए साम्प्रदायिक विवाद के बाद पुलिस ने मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने दर्ज की एफआईआर के मुताबिक बताया कि 31 अगस्त को नूंह में दंगे की शुरुआत नल्हड़ के शिव मंदिर से शुरू हुई थी, जहां ब्रजमंडल यात्रा के लिए लोग जुटे थे। यह दंगा इतना बढ़ गया था कि मंदिर में 2500 लोग फंस गए थे। एक विशेष समुदाय के करीब 800 से 900 लोगों की भीड़ ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारों के साथ शिव मंदिर की ओर बढ़ रही थी। इन लोगों के हाथों में डंडे, पत्थर और अवैध हथियार थे। इन लोगों की मंशा कत्ल करने की थी। नूंह के दंगों को लेकर दर्ज पुलिस की एफआईआर में यह जानकारी दी गई है। पुलिस के दखल पर महिलाओं और बच्चों समेत इन लोगों को बाहर निकाला गया था। पुलिस का कहना है कि शिव मंदिर पर पास के खेतों से हमला किया गया। सैकड़ों लोगों ने मंदिर पर पत्थर फेंके। इसके अलावा यात्रा पर भी पेट्रोल बम फेंके गए। उसमें शामिल लोगों पर लाठी डंडों से हमला कर दिया गया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने दंगाइयों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। ये लोग ब्रजमंडल यात्रा की तरफ पाकिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। इन लोगों के हाथों में अवैध हथियार थे। इसके बाद पुलिस ने हवा में तीन राउंड फायरिंग की तो दंगाइयों ने गाड़ियां तोड़ डाली और उन्हें आग के हवाले करने लगे। एक वीडियो भी ऑनलाइन वायरल हो रहा है, जिसमें दिखता है कि रैली में शामिल होने आए लोग कैसे कारों में छिप रहे थे। एफआईआर के मुताबिक दंगा भड़काने के मुख्य आरोपियों की पहचान लुखमान, वाजिद, साहिल और झाखड़ के तौर पर हुई है। उपद्रवियों की भीड़ ने पुलिस वालों पर भी पेट्रोल बम फेंके, जिसके जवाब में हवाई फायरिंग हुई और लाठीचार्ज किया गया। बता दें कि नूंह में हिंसा के दौरान दो होमगार्ड्स समेत 4 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा गुरुग्राम में भी दो लोग मारे गए हैं।