MP News : नहर लाइनिंग में हो रहा भ्रष्टाचार का खेल

Rashtrabaan
Highlights
  • कटंगझरी जलाशय का मामला: 12.5 किलोमीटर लंबी नहरों की हो रही लाइनिंग
  • घटिया मटेरियल का हो रहा उपयोग, गुणवत्ताहीन नहर निर्माण : झनकलाल बिसेन
  • नहर में फिनिशिंग के साथ नहीं हो रहा निर्माण कार्य
  • करोड़ों रुपये के नहर लाइनिंग कार्य का कार्यस्थल पर कहीं नहीं लगाया सूचना पटल

लालबर्रा, राष्ट्रबाण। बनते ही नहरों की लाइनिंग में दरारें व टूट फूट आना प्रारंभ हो गई है। नहर के निर्माण कार्य के गुणवत्ता पर अब सवाल भी उठना प्रारंभ हो गए हैं। 2 करोड़ 64 लाख रुपए की लागत से कटंगझरी जलाशय नहर के सीमेंटीकरण का कार्य किया जा रहा है। निर्माण कार्य वर्ष 2022- 23 में प्रारंभ हुआ है जो अभी भी अधूरा है, जिसका कार्य प्रारंभ है। करीब 12.5 किलोमीटर लंबी नहरों के लाइनिंग का कार्य किया जा रहा है। मामला लालबर्रा क्षेत्र के कटंगझरी जलाशय का है।

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किसानों की मांग पर टेकाड़ी (लो.) सरपंच प्रतिनिधि ने उठाई आवाज

टेकाड़ी (लो.) सरपंच प्रतिनिधि झनकलाल बिसेन ने कटंगझरी जलाशय के नहर के सीमेंटीकरण निर्माण कार्य का किसानों की मांग पर मौका स्थल पर पहुंचकर नहर निर्माण कार्य के सब इंजीनियर से पूछताछ कर गुणवत्ताहीन हो रहे निर्माण कार्य पर सवाल उठाए, जहां मिट्टी मिक्चर रेत व बारीक चुरी डस्ट वाली गिट्टी डालकर मापदंड से कम मटेरियल व एक इंची का बेस कर एवं जूनियर लोकल मिस्त्रियों तथा युवतियों से कन्नी कौचा चलवाकर ठेकेदार द्वारा कार्य करवाया जा रहा है एवं नहर निर्माण कार्य के पूर्व खुदाई करने के बाद सीमेंटीकरण कार्य प्रारंभ करने के पूर्व कच्ची नहर में पानी सिंचाई कर पीचिंग नहीं की गई है, जो जगह-जगह फट रही है और भिन्न- भिन्न स्थानों पर छोटे-बड़े गड्ढे हो गए हैं, कटंगझरी में लगभग आधा किलोमीटर की नहर का निर्माण कार्य अभी प्रारंभ नहीं किया गया है। जिसका निर्माण कार्य विगत 2022-23 से प्रारंभ हुआ है जो कि लगभग 2 करोड़ 64 लाख रुपए की लागत से निर्माण हो रहा है।
“जिसके संबंध में सब इंजीनियर द्वारा बताया गया की नहर निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है थोड़ा बहुत 19-20 हो सकता है और किसानों की जो शिकायत है उस पर अमल करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाने की पूरी कोशिश करेंगे। ताकि किसानों को अपने खेत में सिंचाई करने में कोई दिक्कत परेशानी न हो। कटंगझरी में सूचना पटल लगाया गया है, जहां टेकाड़ी सरपंच प्रतिनिधि झनकलाल बिसेन व लोहारा पूर्व सरपंच एवं लोहारा जल उपभोक्ता संस्था अध्यक्ष धनेंद्र पटले सहित टेकाड़ी पडारटोला के किसानों के साथ मौका स्थल पर पहुंचकर देखा गया तो सूचना पटल नहीं लगाया गया है।” लगभग 2 करोड़ 64 लाख रुपए की लागत से हो रहा है लाइनिंग का कार्य, जलाशय की नहरों की लाइनिंग का कार्य कराये जाने की मांग किसानों ने की थी। किसानों की मांग पर शासन- प्रशासन के माध्यम से 2 करोड़ 64 लाख रुपए से लाइनिंग कार्य स्वीकृत कराया गया था। नहर के लाइनिंग का कार्य कबीर कंस्ट्रक्शन वारासिवनी नामक कंपनी कर रही है। लाइनिंग कार्य के प्रारंभ से ही गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, किसानों व जागरूक जनों ने अनेक बार इसकी शिकायत भी की है लेकिन गुणवत्ता को लेकर कोई भी सुधार नहीं हो रहा है।

कार्यस्थल पर नहीं लगाया सूचना पटल

किसी भी शासकीय कार्य का निर्माण करने के पूर्व या निर्माण कार्य प्रारंभ होते ही सूचना पटल लगाना होता है ताकि लोगों को निर्माण कार्य के बारे में जानकारी मिल सके। लेकिन यहां निर्माण कार्य स्थल पर कहीं भी कोई सूचना पटल नहीं लगाया गया है। जिसके चलते यह कार्य कब प्रारंभ हुआ है, लागत क्या है, इसे कब तक पूर्ण करना है, निर्माण एजेंसी कौन है, किस मद से स्वीकृत हुआ है, इसके बारे में कोई जानकारी किसानों को नहीं मिल पाती है।

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घटिया कार्य को छुपाने लगा रहे थेगड़

लाइनिंग के घटिया कार्य को छुपाने के लिए जगह-जगह थेगड़ लगाए जा रहे हैं, कहीं सीमेंट से दरारों को छुपाया जा रहा है तो कहीं गड्ढों को सीमेंट कांक्रीट से भरा जा रहा है। बावजूद इसके विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। गड्ढों को भरने दरारों को छुपाने के निशान नहर में स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं।

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लगभग 100 वर्ष पूर्व बनकर तैयार हुआ था जलाशय

कटंगझरी जलाशय व उसके नहरों का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था। यह नहर कटंगझरी माइनर से सावंगी तक नहर की कुल लंबाई 12.5 किलोमीटर है। जहां इस जलाशय से क्षेत्र की 6 ग्राम पंचायत के लगभग 15 से 20 गांव के किसानों को पानी मिलता है, कटंगझरी, पिपरिया, बड़गांव,लोहारा, टेकाड़ी व सावंगी सहित दर्जनों ग्रामों के किसानों को कृषि में सिंचाई के लिए इस जलाशय से पानी मिलता है।

कमजोर बेस, कम व घटिया मटेरियल के कारण आ रही दरारें, और जल्द खराब होंगी नहर

क्षेत्र के किसानों ने बताया कि नहर के सीमेंटीकरण कार्य में कमजोर बेस, कम व घटिया मटेरियल डालकर नहर का गुणवत्ता हीन निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसके कारण अभी से दरारें आनें लगी है व गड्ढे हो गए हैं। इस कार्य में ठेकेदार ने करीब 1 इंच का बेस दिया है, जबकि सीमेंटीकरण के कार्य में 6 सेन्टीमीटर यानि की 2.5 इंच का बेस होना चाहिए। किसानों का कहना है की बारिश होने के समय दरारों से पानी का रिसाव होगा, जिससे नहर और क्षतिग्रस्त हो जाएगी, किसानों को अपनी फसल पकाने के लिए समय पर पर्याप्त पानी नहीं मिल पाएगा।

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निर्माण का निरिक्षण किया जायेगा
हम सभी जगह नहर को फिनिशिंग के साथ निर्माण करवा रहे हैं, जहां-जहां नहर में दरारें आ रही है व गड्ढे हैं उनकी मरम्मत करवाई जायेगी। ठेकेदार को गुणवत्ता युक्त कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने भी निर्माण कार्य का निरीक्षण कर स्थिति देखी है।
-कोमल गजभिये, अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग।

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