Neemuch News: कुख्यात मादक पदार्थ तस्कर का सहयोग करने वाले छह पुलिसकर्मी निलंबित

Rashtrabaan
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  • कमल राणा के बयान के बाद 24 घँटे में एसपी ने लिया एक्शन

नीमच,राष्ट्रबाण। मादक पदार्थों में सिंडिकेट बनाकर पुलिस के सहयोग से तस्करी करने वाले एक कुख्यात बदमाश को पुलिस हिरासत में लिया गया था, जहां पुलिस अभिरक्षा में दिए गए बयान के बाद पुलिस महकमा पूरी तरह से हिल गया है। दरअसल कुख्यात बदमाश पुलिस के सहयोग से ही जहरीले मादक पदार्थों की तस्करी किया करता था। डोडाचूरा तस्करी करने वाले कमल राणा ने उसका सहयोग करने वाले छह पुलिस कर्मियों का नाम बताया है। जिसके बाद एसपी ने सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। दरअसल राणा को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, इसी दौरान उसने पूछताछ में मदद करने वाले पुलिसकर्मियों के नाम बताए थे। मध्यप्रदेश व राजस्थान में मादक पदार्थ की तस्करी का सिंडिकेट चलाने वाले 70 हजार के इनामी कुख्यात तस्कर कमल राणा को उसके चार साथियों के साथ जयपुर क्राइम ब्रांच ने शिर्डी से गिरफ्तार किया था।

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इन पुलिस कर्मियों का किया निलंबित…
एसपी अमित तोलानी ने कार्यवाहक प्रधान आरक्षक 417 रघुनाथ सिंह महिला थाना नीमच, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक 365 रामप्रसाद शर्मा थाना जीरन, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक 98 रफीक खान थाना बघाना, आरक्षक 246 रामप्रसाद पाटीदार थाना जीरन, आरक्षक 549 अजीज खान पुलिस लाइन नीमच, आरक्षक 475 देवेंद्र चौहान पुलिस लाइन नीमच की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इनको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया एवं प्रकरण में विस्तृत जांच के लिए अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) मनासा यशस्वी शिंदे को निर्देशित किया है। राजस्थान पुलिस की जांच में सामने आया है कि नीमच व जीरन थाना क्षेत्र के छह पुलिसकर्मी राणा के सीधे संपर्क में थे। इनके द्वारा पुलिस की गोपनीय सूचना भी उस तक पहुंचाई जाती थी। नीमच, जीरन थाना क्षेत्र के छह पुलिसकर्मियों का नाम सामने आने पर प्रतापगढ़ एसपी ने इनकी सूची सोमवार को नीमच एसपी को भेजी थी। इसके अगले दिन मंगलवार शाम को नीमच एसपी ने सभी छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इनकी जांच मनासा एसडीओपी को सौंपी गई है। इन पुलिसकर्मियों की चल, अचल संपत्ति की जांच से बड़ा खुलासा हो सकता है। ये जिस पद पर नियुक्त थे उसका मासिक वेतन हजारों में था। लेकिन संभावना है कि इनकी चल, अचल संपत्ति करोड़ों में सामने आ सकती है। इनके द्वारा तस्कर राणा तक विभाग की गोपनीय सूचना पहुंचाकर उससे मोटी रकम वसूली जाती थी।

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