लगातार दूसरी बार आरबीआई ने ब्याज दरें घटाईं

आरबीआई की एमपीसी ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती की घोषणा के बाद, गृह ऋण, व्यक्तिगत ऋण, जमा और वाहन ऋण पर ब्याज दरें कम होने की उम्मीद है।

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RBI reduced interest rates for the second consecutive time

लोन की ईएमआई भी होगी कम
नई दिल्ली. राष्ट्रबाण।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने करोड़ों लोगों को बड़ी राहत दी है। आरबीआई गवर्नर ने बुधवार को कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से नीतिगत दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25 प्रतिशत से 6 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इसके बाद लोगों के होम और कार लोन की ईएमआई में कमी होगी। केंद्रीय बैंक का इस फैसला ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से हैरान और परेशान है।

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ब्याज दरों में लगातार दूसरी बार कटौती

आरबीआई की एमपीसी ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती की घोषणा के बाद, गृह ऋण, व्यक्तिगत ऋण, जमा और वाहन ऋण पर ब्याज दरें कम होने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स पहले से आईबीआई के इस फैसला का अंदाजा लगा रहे थे। इससे पहले फरवरी में, छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने अर्थव्यवस्था में मंदी के बीच मई 2020 के बाद से अपनी पहली दर कटौती की घोषणा की थी।

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जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस साल जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, यह पिछले साल देखी गई 9.2 प्रतिशत की विकास दर के ऊपर है। मल्होत्रा ने यह भी कहा कि स्वस्थ जलाशय स्तरों और मजबूत फसल उत्पादन के कारण चालू वर्ष में कृषि क्षेत्र की संभावना उज्ज्वल बनी हुई है। आरबीआई के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई 4.8 फीसदी रहने की संभावना है। वैसे चौथी तिमाही के महंगाई में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है। जिसे पिछले के 4.4 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 फीसदी किया गया है।

ट्रंप टैरिफ से मर्चेंडाइज ग्रोथ पर पड़ सकता है असर

गवर्नर ने माना कि टैरिफ से मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट पर असर पड़ने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 26 में भारत की जीडीपी 6.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। मुद्रास्फीति का अनुमान 4 प्रतिशत है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा व्यापक टैरिफ की घोषणा के बाद केंद्रीय बैंक की दर-निर्धारण संस्था निश्चिंत नहीं बैठ सकती। ट्रंप ने 9 अप्रैल से प्रभावी भारत पर 26 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ दर की घोषणा की है, जो आगे चलकर मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ा सकती है।

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