सिवनी, राष्ट्रबाण। जिला मुख्यालय अंतर्गत केवलारी विधानसभा के ब्लॉक धनोरा में ग्राम खरसारू से थांवरी (बड़ी) की नवनिर्मित सड़क महज लोकनिर्माण विभाग द्वारा 6 महा पूर्व ही बनाई गई थी। लेकिन अजब गजब बात किया है कि आज उस सड़क के परखच्चे उड़ गए है, लेकिन लोकनिर्माण विभाग के उच्चाधिकारी इस पुरे मामले से अनजान बने हुए है। जब ग्रामीणों के द्वारा बार बार इसकी शिकायत की गई तब महज रिप़ेंरिंग का आश्वासन देकर पी.डब्लू.डी के अनुविभागीय अधिकारी और अभियंता अपना पल्ला झाड़ लेते है, आम जनता को सिर्फ आश्वासन के सहारे लोग आस बांधे हुए है। लेकिन सोचने वाली बात यह है की मध्यप्रदेश में दिन प्रतिदिन सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार चर्चाएं और समाचार की सुर्खियां बनी हुए हैं। उसके बाद भी विभाग के उच्चाधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए है। इस प्रकार के आचरण से ऐसा लगता है कि ठेकेदार और अधिकारियों के बीच मोटी रकम का आदान-प्रदान होना प्रतीत होता है। शायद यही वजह है कि ठेकेदार के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार अफसर नजर अंदाज कर घटिया निर्माण कार्य को हरी झंडी देते हुए ठेकेदार पर मेहरबान बने हुए है।
परखच्चे उड़े सड़क से ग्रामीणों को आवागमन में हो रही परेशानी
घटिया निर्माण में ठेकेदार की मनमानी और भ्रष्ट मंशा उजागर होती है। ठेकेदार की करतूत पर आखिर जिम्मेदार पल्ला क्यों झाड़ रहे है यह जांच का विषय है। सूत्रों की माने तो ठेकेदार द्वारा जिम्मेदार अफसरों को मोटी चढ़ोत्तरी चढाई गई है यह रकम कितनी बड़ी है इसकी जानकारी मौजूदा लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर हनुमते ही दे पाएंगे। जब राष्ट्रबाण द्वारा उनसे फोन के माध्यम से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इससे यह प्रतीत होता है कि उनके पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं है। विभाग के जिम्मेदार इंजीनियर जब कोई वीआईपी का आगमन होगा तब सड़क सुधार पर ध्यान देते है या फिर ये कोई बड़ा हादसे का इंतजार करते हैं। विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा में हो रहा है। इस भ्रष्टाचार से अधिकारी कर्मचारी के साथ-साथ ठेकेदार भी फल फूल रहे हैं।
नियम की गारंटी दरकिनार
सरकारी नियमों के मुताबिक किसी भी सार्वजनिक निर्माण कार्य के बाद उसके रख-रखाव की गारंटी होती है। गारंटी पीरियड में ठेकेदार निर्माण की सलामती को लेकर जिम्मेदार होता है। इसी गारंटी के आधार पर उसे भुगतान भी किया जाता है। ब्लॉक धनोरा में ग्राम खरसारू से थांवरी (बड़ी) सड़क के मामले में इस नियम का भी ध्यान नहीं रखा गया है। लिहाजा पहली बरसात के पहले ही सड़क ने हुए भ्रष्टाचार को आइना दिखा दिया है। ख़राब सड़क से ग्रामीण चलने को मजबूर है और विभाग रिपेयरिंग की बात कर रहा है।
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