सीधी,राष्ट्रबाण। सीधी पेशाब कांड में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं आदिवासी के साथ हुए इस कृत्य को लेकर घमासान भी जारी है। इस बार पीड़ित दशमत रावत ने एक नया खुलासा किया है। उसने बताया की जिस दिन यह घटना हुई थी उस समय वह शराब के नशे में था,उसे यह पता नही है की उस पर पेशाब किसने की थी। वहीं उन्होंने स्वीकारा कि प्रारंभिक जांच के दौरान अधिकारियों से झूठ बोला था। बता दें की सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक शख्स, जिसकी बाद में पहचान प्रवेश शुक्ला के तौर पर हुई, आदिवासी मजदूर पर पेशाब करता हुआ दिख रहा था। वायरल वीडियो ने प्रदेश की राजनीति का पारा बढ़ा दिया है। अगले दिन प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार किया गया और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत केस दर्ज हुआ। वायरल वीडियो में दशमत रावत ने बताया की उन्होंने कलेक्टर से लगातार झूठ बोला था कि वीडियो में जिस व्यक्ति को प्रताड़ित किया जा रहा है वो मैं नहीं हूं। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना 2020 में हुई थी और मैं उस समय नशे में था। रावत ने कहा, ‘ये घटना 2020 की है। मैं नशे में था और कुछ समझ नहीं पा रहा था। मैंने यह तक नहीं देखा कि मुझ पर पेशाब करने वाला व्यक्ति कौन था।’
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बड़ सकती है शिवराज की मुश्किलें..
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लगातार आरोप प्रत्यारोप के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा इस मामले को शांत करने के लिए आदिवासी रावत का सम्मान किया था,अब ऐसे में आदिवासी रावत का स्पष्टीकरण आने से सिसायत गर्मा गई है। जिससे मुख्यमंत्री शिवराज की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं कांग्रेस की राज्य इकाई ने साजिश का आरोप लगाते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘सीधी पेशाबकांड में बड़ा खुलासा, शिवराज ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की, असली पीड़ित लापता है क्या? शिवराज जी, इतना बड़ा षड्यंत्र? मध्य प्रदेश आपको माफ नहीं करेगा।’
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रावत को राज्य सरकार ने दी है वित्तीय सहायता…
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आदिवासी रावत पर हुए पेशाब कांड के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके पैर धोए थे। वहीं वीडियो सामने आने के बाद राज्य सरकार ने पीड़ित को 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और घर के निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की थी। जबकि इस मामले के आरोपी प्रवेश शुक्ला पर कड़ी कार्यवाही करते हुए,मामा का बुलडोजर भी चला था।