सिवनी, राष्ट्रबाण। प्रशासन द्वारा आम लोगों के वाहनों पर नियमों का कड़ा पालन करवाया जा रहा है, लेकिन जब बात खुद अधिकारियों के वाहनों की आती है, तो नियम शायद शिथिल हो जाते हैं। 28 जुलाई को कलेक्टर संस्कृति जैन के निर्देश पर परिवहन विभाग ने बिना वैध पंजीयन और नियम विरुद्ध संचालित वाहनों पर कार्रवाई करते हुए 15 वाहनों से 29,000 रुपए का अर्थदंड वसूल किया। इनमें बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर 5,000 रूपये और बिना फिटनेस वाले वाहनों पर ₹10,000 का जुर्माना शामिल है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह सख्ती केवल आम जनता के लिए है? क्योंकि जिला मुख्यालय के कई जिम्मेदार अफसरों की सरकारी गाड़ियाँ ही नियमों की धज्जियां उड़ाती नजर आ रही हैं।
अधिकारी का नाम व पद | वाहन क्रमांक | नियम उल्लंघन |
सुनीता खनडायक (अपर कलेक्टर) | MP22BA1420 | प्राइवेट वाहन का सरकारी उपयोग, टैक्स चोरी का मामला |
रेखा देशमुख (सिटी मजिस्ट्रेट) | MP22ZC0784 | IMV में रजिस्टर्ड निजी वाहन – शासन के नियमों के विरुद्ध |
डिप्टी कलेक्टर (शासकीय वाहन) | MP02RD0417 | हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं |
मेघा शर्मा (एसडीएम) | MP22T1236 | हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं |
एस.आर. मरावी (जिला योजना व सांख्यिकी अधिकारी) | MP02AV2206 | कमांडर जीप – 2010 में बंद हो चुकी मॉडल, 15 साल से पुरानी, नियम अनुसार अनफिट |
कानून का पालन कौन करेगा?
जब सरकारी अधिकारी ही कानून की अनदेखी करेंगे, तो फिर आम जनता से नियमों के पालन की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
प्रशासनिक जवाबदेही की मांग इसलिए जरूरी हो जाती है क्योंकि नियम तोड़ने पर आम जनता पर हजारों का जुर्माना, लेकिन अधिकारी वर्ग के वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं, यही नहीं, कुछ वाहन तो टैक्स चोरी के भी दोषी हैं।
जनता का सवाल
एक ऑटो चालक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा की हम “दिनभर मेहनत कर 400–500 रुपए कमाने वाले लोग जब घर लौटते हैं, तो चालानी कार्रवाई का शिकार बनते हैं। क्या यही ‘सबके लिए समान कानून’ की परिभाषा है?” जनता और सामाजिक संगठनों का स्पष्ट कहना है कि यदि कानून वाकई सबके लिए समान है, तो इन अधिकारियों के वाहनों पर भी वैसी ही जांच व अर्थदंड की कार्यवाही होनी चाहिए, जैसी आम नागरिकों पर होती है। अन्यथा यह दोहरे मापदंड ही कहलाएगा।
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