Ujjain News: महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की नई मूर्तिया बनकर तैयार, अधिक मास अगस्त को होगी पुनर्स्थापना

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  • मुंबई से बनकर आई पुनस्र्थापना करने के लिए नई मूर्तियां

उज्जैन, राष्ट्रबाण। उज्जैन के श्री महाकाल महालोक में सप्त ऋषियों की नई मूर्तियों के टूटने के बाद अब नई मूर्तिया भनकर तैयार हो गई हैं। जिनकी पुनर्स्थापना 16 अगस्त को अधिक मास समाप्त होने के बाद की जाएगी। लगातार विवादों के3 बाद अब मूर्तियों का निर्माण मुंबई में कर लिया गया है। रविवार शाम इनके उज्जैन आने की बात स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यकारी निदेशक रोशन कुमार सिंह ने कही है। वहीं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शुभ मुहूर्त में इनकी विधिवत स्थापना कराने को कहा है। गौरतलब है कि तेज हवा और तूफान के बाद महाकाल लोक में कई मूर्तिया टूटकर बिखर गई थीं। वहीं प्रकार्तिक आपदा आने के बाद हुए इस हादसे पर जमकर रजनीति भी गरमाई थी। वहीं सीएम शिवराज ने नई मूर्तियों को स्थापित करने के निर्देश दिए थे। दरअसल ढाई महीने पहले 28 मई को तेज हवा चलने पर श्री महाकाल महालोक में पेडस्टल से स्थापित फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से निर्मित सप्त ऋषियों की मूर्तियां गिरकर खंडित हो गई थीं। पहले स्मार्ट सिटी कंपनी इन खंडित मूर्तियों की मरम्मत कराकर दोबारा स्थापित करने की तैयारी कर रही थी, मगर जनभावनाओं को ध्यान में रख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर नई मूर्तियों की स्थापना के आदेश हुए। इसी कड़ी में स्मार्ट सिटी कंपनी से अनुबंधित ठेकेदार एमपी बाबरिया ने स्वयं के खर्च पर नई मूर्तियों का निर्माण कर उनकी स्थापना का जिम्मा लिया। सभी मूर्तियों को मजबूती प्रदान करने किया फाउंडेशन कार्य कंपनी ने पहले से अधिक मजबूत मूर्तियां बनाईं। साथ ही घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भगवान शिव सहित शेष सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी मजबूती प्रदान करने के लिए फाउडेंशन कार्य दोबारा किया। खोखली मूर्तियों के भीतर लोहे के भारी पाइप का स्ट्रक्चर बनाया। पेडस्टल पर सरिया-सीमेंट-कांक्रीट का कालम खड़ा किया। शेष मूर्तियों की मजबूतीकरण का काम भी पूर्णता की ओर है।

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मूर्तियों का फाउंडेशन कमजोर होने से गिरी थीं मूर्तियां

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विभागीय जांच में यह बात सामने आई थी कि सभी मूर्तियां भीतर से खोखली होने और मूर्तियों का फाउंडेशन कार्य कमजोर होने से ये गिरी थीं। एमपी बाबरिया फर्म ने 15 करोड़ रुपये लेकर एफआरपी से 12 से 25 फीट ऊंची 136 मूर्तियां बनाकर स्थापित की थीं। स्थापना के वक्त ठेकेदार ने दावा किया था कि अगले 10 वर्ष तक इन मूर्तियों का कुछ नहीं बिगड़ेगा। मूर्तियों पर तेज धूप, हवा, पानी का असर नहीं होगा। यह दावा फेल साबित हुआ था।

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