Balaghat News: जिला मुख्यालय से कांग्रेस जिलाध्यक्ष 90 किमी तो एनएसयूआई जिलाध्यक्ष 70 किमी दूर, कैसे संभालेगें जिले की कमान?

Rashtrabaan
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  • कांग्रेस की नैय्या को डूबाने बनाये गये जिलाध्यक्ष?

बालाघाट, राष्ट्रबाण। जिले में कांग्रेस गुटबाजी के चलते वैसे भी कमजोर हो चुकी है और अगले पांच महिने में विधानसभा के चुनाव भी होने जा रहे है और ऐसे में समय में कांग्रेस के किसी भी गलत कदम या गलत फैसले बालाघाट जिले में कांग्रेस को और गर्त में डाल सकते है। जैसे ही बालाघाट में संजय उईके को कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाया गया, तभी से शहर की राजनीति में उथल पुथल और गुटबाजी शुरू हो चुकी है। यह चर्चा जोरो पर है कि 90 किमी दूर से संजय उईके जिले के कार्यक्रमो को और कांग्रेस की विचारधारा को गति कैसे प्रदान करेगें। क्योकि संजय उईके की उनके क्षेत्र के अलावा जिला मुख्यालय में ना तो कोई सक्रियता रही है और ना ही उनका कोई जनाधार है। ठीक उसी तरह कांग्रेस संगठन के वर्तमान में एनएसयूआई को लेकर आये नियुक्ति आदेश के मुताबिक एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे द्वारा बालाघाट जिले के छात्रनेता कटंगी ब्लाक के सागर कठौते को एन.एस.यु.आई जिलाध्यक्ष पर नियुक्त कर दिया गया है। जहां उनकी नियुक्ति के बाद से जिला कांग्रेस और दलदल में धंसती नजर आ रही है। क्योकि नवनियुक्त एन.एस.यु.आई जिलाध्यक्ष सागर कठौते भी मुख्यालय से लगभग 70 किमी दूर कटंगी ब्लॉक के रहवासी है। जहां इनके लिये जिले के हर कार्यक्रम में उपस्थित होकर हर कार्यक्रम को सफल बनाना चुनौतीपूर्ण काम साबित होगा।

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बालाघाट जिला कांग्रेस में जिस तरह से गुटबाजी के चलते मुख्यालय से दूर रहवासी और मुख्यालय में कम पकड रखने वाले लोगो को जिले के पदो में बिठाया जा रहा है, उससे तो शहर में यह चर्चा जोरो पर है कि क्या बालाघाट शहर में अच्छे कांग्रेसी कार्यकर्ता या नेता नही है, जो बालाघाट मुख्यालय की कमान सही तरिके से संभाल सकें या फिर जान बूझकर सक्रिय कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज कर कुछ बडे नेता अपने वाहवाही बटोरने और स्वार्थ साधने में लगे हुए है। पांच माह चुनाव को बचे हुए है और आज भी जिला मुख्यालय के किसी भी कार्यक्रम और प्रदर्शन में कांग्रेस जनसमर्थन नही जुटा पाती है। जिसका कारण जनता उन नेताओं को मानती है जिन्हे वर्तमान में जिले की जिम्मेंदारी सौंपी गई है। संजय उईके पिछले 10 वर्षो से विधायक है परंतु आज भी अपने क्षेत्र की जनता को खुश करने में कामयाब नही हो पाये है और ऐसे नेता से कांग्रेस कमेटी जिले की कमान देकर छ: विधानसभा को साधने में लगी हुई है। इससे तो यही समझ में आता है कि आने वाले चुनाव में बालाघाट जिले की 06 विधानसभाओं में से मुश्किल से दो ही सीट में कांग्रेस के जीतने की संभावना है।

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