जम्मू, राष्ट्रबाण। जम्मू-कश्मीर में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रदेश में पहली बार चुनाव होने जा रहा है।इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम पर पूरे देश में कड़ी नजर रखी जा रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और बीजेपी समेत सभी प्रमुख पार्टियां जीत हासिल करने के लिए कमर कस रही हैं।
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क्षेत्रीय दलों के साथ यलगार
जम्मू कश्मीर में कांग्रेस कई रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है तो दूसरी तरफ दूसरे क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चलना चाहती है। इसमें मुख्य रूप से नेशनल कांन्फ्रेंस और पीडीपी शामिल है। कांग्रेस पार्टी इन दोनों दलों के साथ मिलकर बड़ा गठबंधन तैयार करने की रणनीति बना रही है। कांग्रेस यहां पीडीपी और एनसी को साथ लाना चाहती है।
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प्लान ए इस तरह है
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन कर सकती है। साथ ही दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बात चल रही है। कांग्रेस कथित तौर पर 90 में से 40 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन उमर अब्दुल्ला केवल 25 सीटें देने को तैयार हैं, जिसको लेकर कांग्रेस खुश नहीं है।
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कांग्रेस का प्लान बी
कांग्रेस घाटी में ना सिर्फ एनसीपी बल्कि पीडीपी को भी साथ लेना चाहती है और बड़ा गठबंधन तैयार करना चाहती है। पार्टी यहां अन्य दलों के संपर्क में है और वह पीडीपी से भी गठबंधन को लेकर रणनीति बनाने में जुटी है। रिपोर्ट की मानें तो उमर अब्दुल्ला पीडीपी के साथ गठबंधन के समर्थन में नहीं हैं। कांग्रेस घाटी में अहम दलों को साथ लेकर एक बड़ा गठबंधन तैयार करना चाहती है। लेकिन इस राह में सबसे बड़ी चुनौती पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की है। उमर अब्दुल्ला का तर्क है कि घाटी में महबूबा मुफ़्ती का प्रभाव कम हो गया है। हालांकि कांग्रेस का सुझाव है कि अगर महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती आगे आती हैं तो उमर को सम्मानजनक सीटें देकर उन्हें गठबंधन में शामिल करने पर विचार करना चाहिए। घाटी में इस त्रिपक्षीय गठबंधन को लेकर बातचीत का सिलसिला जारी है।
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और प्लान सी भी तैयार
हालांकि कांग्रेस पीडीपी और एनसी दोनों के साथ मिलकर घाटी में चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन अगर पीडीपी को साथ लाने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस तैयार नहीं होती है तो इसके लिए कांग्रेस ने अलग रणनीति तैयार कर रखा है। अगर पीडीपी के साथ समझौता नहीं हो पाता है तो कांग्रेस महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने और पीडीपी के साथ कुछ सीटों पर दोस्ताना मुकाबला करने के पक्ष में है। ये चर्चाएं अभी शुरुआती दौर में हैं और अंतिम निर्णय पार्टी नेताओं के बीच आगे की बातचीत के बाद ही लिया जाएगा।
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तीन चरणों में होगा चुनाव
बता दें कि चुनाव आयोग ने घाटी में चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि यहां विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे। पहला चरण 18 सितंबर, दूसरा 25 सितंबर और तीसरा चरण 1 अक्टूबर को होगा। मतगणना 4 अक्टूबर को होगी।
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कुल 87.90 लाख मतदाता
जम्मू-कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिला मतदाता हैं। 20 से 29 वर्ष की आयु के कुल 20.7 लाख युवा मतदाताओं में से पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है।
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11,838 मतदान केंद्र
जम्मू-कश्मीर में करीब 9,169 स्थानों पर 11,838 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें से 9,506 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे। हर मतदान केंद्र पर औसतन 735 मतदाता होंगे। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने इस बार 360 मॉडल मतदान केंद्र बनाने की योजना बनाई है। जम्मू और कश्मीर में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 90 है, 74 सामान्य सीटें, नौ एसटी सीटें और सात एससी सीटें।