इंदौर,राष्ट्रबाण। गुरुवार को पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के खिलाफ हजारों की संख्या में अभ्यर्थी इंदौर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना था कि भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर उन लोगों ने कई बार प्रशासन को आगाह किया था। शिकायत की थी लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। गुरुवार को अभ्यर्थियों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान वहां कई किमी लंबा जाम लग गया। अभ्यर्थियों की मांग है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच हो। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की।
एक ही कॉलेज से निकले 7 अभ्यर्थी…
प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है की परीक्षा परिणाम में टॉप-10 की लिस्ट में ग्वालियर स्थित एनआरआई कॉलेज के ही 7 अभ्यर्थी हैं। जिन 9 हजार अभ्यर्थियों का चयन किया गया है उनमें से अधिकांश उसी कॉलेज से जहां परीक्षा केंद्र था। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि टॉपर अभ्यर्थियों में से अधिकांश के हस्ताक्षर हिंदी में है। उनका कहना है कि एक ही कॉलेज से अधिकांश टॉपरों का होना सीधे तौर पर घोटाले की ओर इशारा करता है। उनका कहना है कि सीबीआई जांच से ही गड़बड़ी का खुलासा हो सकेगा। प्रशासन को इसे संज्ञान में लेना चाहिए।
नरोत्तम मिश्रा का कहना, नही हुई कोई गड़बड़ी, कमलनाथ, और दिग्विजय छात्रों का तोड़ रहे मनोबल
पटवारी चयन के मामले में जब गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा की तो उन्होंने कहा की, मध्य प्रदेश में पटवारी चयन परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। कांग्रेस और उसके नेता प्रदेश को बदनाम करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। पार्टी के ही अशोकनगर का प्रवक्ता, जो परीक्षा में फेल हो गया, उसके तथ्यहीन आधारों को तर्क बनाकर प्रस्तुत कर रहे हैं। पर्चियों पर नौकरी देने वाले उस विश्व की आधुनिकतम चयन परीक्षा प्रणाली पर प्रश्न उठा रहे हैं और श्रंखलाबद्ध झूठ बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस एजेंसी के माध्यम से पटवारी चयन परीक्षा कराई गई, वह आइआइटी, नीट सहित अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाएं कराती है। कांग्रेस कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अरुण यादव सहित अन्य कांग्रेस के नेता नौजवानों के मनोबल को तोड़ रहे हैं।