उज्जैन,राष्ट्रबाण। सावन माह के दूसरे सोमवार को आज बाबा महाकाल की दूसरी सवारी निकलने जा रही है। ऐसे में उनके दर्शन करने के लिए लाखों की सँख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। बता दें की उज्जैन में एक बार फिर महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर अपने भक्तों का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलने वाले हैं। सोमवती अमावस्या के विशेष संयोग ने आज का दिन और भी खास बना दिया है। बाबा अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए चंद्रमौलेश्वर रूप में पालकी पर सवार होकर निकलेंगे और मन महेश स्वरूप हाथी पर विराजित होगा। आज 57 सालों बाद सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग भी बना है और भक्तों की आस्था का सैलाब नजर आ रहा है।
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चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दर्शन देने महाकाल…
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आज एक बार फिर शाही ठाट बाट के साथ सभामंडप में बाबा महाकाल के चंद्रमौलेश्व स्वरूप का पूजन अर्चन किया जाएगा। इसके पश्चात भगवान चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे जहां भक्त भावविभोर होकर अपने आराध्य का स्वागत करेंगे।
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ये रहेगा सवारी का मार्ग..
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चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का पूजन अर्चन करने के बाद मंदिर के मुख्य मार्ग पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान बाबा को सलामी देंगे। इसके बाद परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए सवारी राम घाट पहुंचेगी जहां शिप्रा जल से भोलेनाथ का अभिषेक कर पूजन अर्चन किया जाएगा। इसके बाद रामानुज कोट, दानीगेट, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी होते हुए सवारी पुनः महाकाल पहुंचेगी।
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देर रात ढाई बजे खुले महाकाल के पट..
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आज सावन का दूसरा सोमवार होने के साथ सोमवती अमावस्या का खास संयोग भी बन रहा है। जिसके चलते बाबा महाकाल के द्वार 2:30 बजे ही खोल दिए गए। बड़ी संख्या में दर्शनार्थी अलसुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल होने के लिए पहुंचे। रात एक बजे से ही दर्शनार्थियों की भीड़ लगने लगी थी। 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया गया है। सोमवती अमावस्या पर 57 वर्षों बाद बने अदभुत संयोग में भक्त सोमकुंड में स्नान करने के लिए भी पहुंच रहे हैं।