डेंगू की स्वदेशी वैक्सीन के फेज-3 का ट्रायल शुरू ; कितनी असरदार, जल्द पता चलेगा

Rashtrabaan

दिल्ली (Delhi), राष्ट्रबाण। मच्छरों से फैलने वाली बीमारी डेंगू (Dengue) पर लगाम कसने की पूरी तैयारी की जा रही है। भारत में अगले साल तक डेंगू की वैक्सीन (Vaccine) आ जाएगी, जिसके बाद इससे होने वाली मौतों में भी काफी कमी आएगी। पहली वैक्सीन के तीसरे फेज का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है।

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लगातार प्रगति की ओर

आईसीएमआर (ICMR) और पैनेशिया बायोटेक (Panacea Biotec) ने स्वदेशी डेंगू वैक्सीन (Indigenous Dengue Vaccine), डेंगीऑल (Dengiol) के साथ भारत (India) में वैक्सीन के तीसरे फेज का क्लिनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि देश के पहले स्वदेशी डेंगू वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल परीक्षण की शुरुआत डेंगू के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक हम प्रगति का प्रतीक है।

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आत्मनिर्भर भारत का दृष्टिकोण हो रहा मजबूत

जेपी नड्डा ने कहा कि आईसीएमआर और पैनेशिया बायोटेक के इस सहयोग के जरिए हम न सिर्फ अपने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के अपने दृष्टिकोण को भी मजबूत कर रहे हैं। इस ट्रायल से पैनेसिया बायोटेक की तरफ से बनाई जा रही भारत की स्वदेशी टेट्रावेलेंट डेंगू वैक्सीन की प्रभावकारिता का मूल्यांकन होगा।

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वैक्सीन कितनी सफल, ट्रायल से पता चलेगा

ट्रायल से ये पता चलेगा कि वैक्सीन कितनी असरदार है। उसके बाद ही उसे बाजार में लाने को लेकर फैसला लिया जाएगा. तीसरे फेज के ट्रायल में हिस्से लेने वाले पहले शख्स को पंडित भगवत दयाल शर्मा (Pandit Bhagwat Dayal Sharma) पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Post Graduate Institute of Medical Sciences) रोहतक (Rohtak) में वैक्सीन लगाई जाएगी।

अक्टूबर में पीक पर होते हैं डेंगू के मामले

पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) के सचिव अपूर्व चंद्र (Secretary Apurva Chandra) ने राज्यों के साथ बैठक के बाद कहा था कि अक्टूबर महीने में डेंगू पीक पर होगा। पिछले साल के मुकाबले इस बार डेंगू के ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि डेंगू के मामले अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में सबसे ज्यादा आते हैं। अक्तूबर में केस पीक पर होते हैं। उन्होंने कहा था कि प्लेटलेट्स की मौजूदगी को लेकर सभी राज्यों से बातचीत की गई है। साल 2000 तक डेंगू से मॉर्टेलिटी रेट 3 फीसदी था और अब घटकर .1 फीसदी हो गया है। भारत में फिलहाल डेंगू के खिलाफ कोई एंटीवायरल (Antiviral) इलाज या फिर सर्टिफाइड वैक्सीन (Certified Vaccine) नहीं है। डेंगू के सभी चार सीरोटाइप के लिए एक कारगर वैक्सीन बनाना बड़ी चुनौती है।

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