Chhindwara News: कमलनाथ का गढ़ है छिंदवाड़ा! चलिए समझते हैं इस जिले की विधानसभा सीटों का गणित

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छिंदवाड़ा,राष्ट्रबाण। महीने के अंत में मध्यप्रदेश में चुनाव होने वाले हैं. प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की बात करें तो इसे पीसीसी प्रमुख कमलनाथ का गढ़ कहा जाता है। कमलनाथ इस जिले की लोकसभा सीट से कई बार सांसद रह चुके हैं, बता दें कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं। खास बात ये है कि सभी सीटों पर कांग्रेस के ही विधायक हैं। जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी, खास बात यह है कि यह प्रदेश की इकलौती लोकसभा सीट है. जहां की सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। तो चलिए समझते हैं कि इस जिले की विधानसभा सीटों का गणित..

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भाजपा- कांग्रेस में अब आमने-सामने हैं प्रत्याशी…

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एक और जहां भाजपा ने अपनी सातों सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं, तो वहीं कांग्रेस के सातों उम्मीदवार मैदान में हैं। इस बार छिंदवाड़ा से स्वयं कमलनाथ खड़े हुए हैं तो वहीं भाजपा ने विवेक बंटी साहू को दूसरी बार मौका दिया है। इसी प्रकार परासिया से ज्योति डेहरिया तो कांग्रेस से सोहन वाल्मीकि, चौरई से भाजपा के लखन वर्मा तो कांग्रेस से सुजीत चौधरी, सौसर से भाजपा के नाना भाऊ मोहड़ तो कांग्रेस से विजय चौरे, पांढुर्ना से भाजपा के प्रकाश भाऊ उइके तो कांग्रेस से नीलेश उइके, जुन्नारदेव से भाजपा के नत्थन शाह कवरेती तो कांग्रेस से सुनील उइके, अमरवाड़ा से भाजपा से मोनिका शाह बट्टी तो कांग्रेस से राजा कमलेश शाह को मौका दिया गया है। इस बार यह चुनावी लड़ाई में दोनों ही उम्मीदवारों की कांटे की लड़ाई लग रही है।

सात सीटों में 5-2 का माना जा रहा बदलाव

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दरअसल इस बार कांग्रेस-भाजपा में टिकिट विरतण को लेकर काफी गर्मा गर्मी देखी गई है। ऐसे में छिंदवाड़ा की सातों सीटों में काबिज कांग्रेस को दो झटके लगने की उम्मीद है। दरअसल सौसर में जहां विजय चौरे के पिछले 5 सालों में किये गए कार्यों को लेकर जनता असन्तुष्ट दिखाई दे रही है तो वहीं नाना भाऊ मोहोड़ को लेकर जनता का काफी हद तक रुझान देखने को मिल रहा है। वहीं चौरई में भी इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार सुजीत चौधरी के कार्यकाल में जनता को हलकान देखा गया। हालाकि चौरई में भाजपा द्वारा खड़े किए गए उम्मीदवार लखन वर्मा का उन्ही की पार्टी में काफी विरोध देखा जा रहा है। दरअसल लखन वर्मा के विरोध में पूर्व विधायक पंडित रमेश दुबे एवं भाजपा के अन्य पदाधिकारी शामिल हैं।

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