गृह मंत्रालय ने साइबर अरेस्ट और ब्लैकमेलिंग पर बड़ा एक्शन लिया, 1000 से ज्यादा स्काइप आईडी ब्लॉक

Rashtrabaan

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। गृह मंत्रालय ने साइबर अरेस्ट और ब्लैकमेलिंग करने वाले 1000 से ज्यादा स्काइप आईडी को ब्लॉक किया है. यह जानकारी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने मंगलवार को दी। मंत्रालय ने कहा कि सरकार साइबर ठगी को रोकने के लिए सभी एजेंसियों, आरबीआई और अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसमें राज्यों और केंद्र शासित राज्यों की पुलिस भी मदद कर रही है। सरकार ने ऐसी ठगी रोकने के लिए अक्टूबर 2018 में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन की स्थापना की थी। इसी के तहत जून 2020 में 59 चीनी मूल के मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाया गया था।

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गृह मंत्रालय ने लोगों को सतर्क किया

गृह मंत्रालय का कहना है कि साइबर अपराधियों द्वारा ब्लैकमेल, जबरन वसूली और डिजिटल अरेस्ट को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। अधिकतर अपराधी सीबीआई , नारकोटिक्स डिपार्टमेंट, रिजर्व बैंक और पुलिस विभाग के अधिकारी बनकर ठगी करते हैं. ऐसे मामलों में देशभर से कई पीड़ितों ने बड़ी मात्रा में अपना पैसा खोया है. इन्हें रोकने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

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साइबर एक्सपर्ट का कहना है

साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि साइबर ठग पुलिस कार्रवाई के भय को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि पुलिस या किसी भी जांच एजेंसी में ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसा प्रावधान नहीं है. पुलिस किसी भी व्यक्ति से वॉट्सऐप या वीडियो कॉल पर इस तरह से पूछताछ नहीं करती है। ऐसा कॉल आने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन में सूचना दें और किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं करें।

स्क्रीन के सामने बैठाकर किया जा रहा टॉर्चर

अब शातिर बदमाश ओटीपी पूछकर, लिंक भेजकर या अन्य डिटेल लेकर ही वारदात को अंजाम नहीं दे रहे हैं। बल्कि सीबीआई, ईडी और क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर वॉट्सऐप कॉल करते हैं और लोगों को एनडीपीएस एक्ट जैसे गंभीर मामलाें में कार्रवाई का भय दिखाकर पैसा वसूलते हैं. इसके लिए कई बार पीड़ित को ऑनलाइन मॉनिटरिंग के नाम पर स्क्रीन के सामने बैठाकर टॉर्चर भी किया जाता है।

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