बालाघाट, राष्ट्रबाण। बाहरी दुनिया और समाज में अपराध करने वालों के लिए जेल बनाई गई। जहां अपराधियों को पश्चाताप करने और अपने अपराधों का बोध कर उनमें अपने आपराधिक कर्मों पर सुधार लाने की सीख जेल प्रशासन द्वारा हवालातियों और बंदियों को दी जाती है। लेकिन लक्ष्मी के लालचियों के लिए जेल भी पैसे कमाने का खेल लगता है और वह पैसों के लालच में अपराधियों को उन मादक प्रदार्थों को मुहैया कराते है जिसे बाहरी दुनिया में सरकार ने बेन कर रखा है। हालांकि जेल में बीडी, शराब, तंबाखू जैसे मादक प्रदार्थों पर भी रोक लगी है फिर गांजा तो दूर की बात लेकिन वारासिवनी जेल में एक पहरी के द्वारा आसानी से उपलब्ध कराया जाता है। इस भ्रष्ट्राचार के खेल में जेल प्रशासन की बदनामी हो रही है।
यह हम इसलिए कह रहे है की वर्त्तमान मे एक मामला वारासिवनी सब जेल का सामने आया है। जहां एक पहरी द्वारा हवालाती के परिजनों से मादक पदार्थ उपलब्ध कराने के एवज में पैसे लिए। सूत्रों की माने तो विक्रम मर्शकोंले नाम के पहरी ने रमजानी नाम के हवालाती से मादक पदार्थ की सुविधा देने के एवज मे पैसो की डिमांड की जिसे रमजानी के परिजन राजिया बाजी ने कई बार वारासिवनी जेल मे पदस्थ पहरी विक्रम मर्शकोंले के खाते मे फोनपे से पेमेंट किया l इस बात का खुलासा तब हुआ जब वारासिवनी सबजेल के अंदर नव निर्माण हो रहे भवन मे राहुल नाम का व्यक्ति जो मजदूरी कार्य करता है और हवालाती रमजानी के द्वारा राजिया बाजी का नम्बर राहुल को देते हुए घर से पैसे मंगाने को कहा गया और पैसे मिलने पर मादक पदार्थ रमजानी तक पहुंचाने कहा गया। जिसके बाद राहुल द्वारा राजिया बाजी को ज़ब पैसो की मांग की गयी तो राजिया बाजी ने पहरी विक्रम मर्शकोंले का नाम लेते हुए कहा की कुछ दिन पूर्व ही उनके खाते मे पैसे डाले गए है और इससे पहले भी विक्रम को पैसे भेजे गए है l उसके बाद यह बात जेल मे अन्य लोगो तक भी पहुंच गयी की पहरी विक्रम द्वारा मादक पदार्थ देने के एवज मे पैसे लिए गए है l
जेल में यह कोई नयी बात नहीं है की विक्रम मर्शकोंले जेल मे तम्बाखू, बीड़ी और गांजे की सप्लाई करते है यह पहले भी कई बार जेल मे बंद हवालातियों को यह सब सुविधा दे चुके है। जानकारी के अनुसार अक्टूबर माह मे भी जेल के वार्ड नंबर 5 मे गांजा और बीड़ी विक्रम द्वारा सप्लाई की गयी थी जिसे जेल मे अन्य बंदीयों द्वारा भी देखा गया था और कई हवालाती गांजे का सेवन करते पकडे भी गए थे जिसके बाद वारासिवनी जेल के जेलर अभय वर्मा द्वारा 5-6 हवालातियों का बैरख भी बदल दिया गया था परन्तु किसी ने भी डर के कारण विक्रम का नाम नहीं लिया l
आपको बता दे विक्रम हमेशा से जेल की जिम्मेदारीयों में लापरवाह रहा है, जेल मे शराब पीकर ड्यूटी करना, नाईट ड्यूटी के समय सोते रहना, अपने बैरख की ड्यूटी छोड़कर जेल के गोल मे अन्य पहरियों के साथ गप्पे मारना और हवालातियों को डराना धमकाना, बेवजह मारपीट करना यह सब उनकी आदत मे शुमार है l मगर ये हर बार कार्यवाही से बच जाता है l
इस सम्बन्ध मे जेलर अभय वर्मा से राष्ट्रबाण ने चर्चा करने की कोशिश की थी परन्तु अभय वर्मा द्वारा फोन नहीं उठाया गया l अब देखना यह होगा की मादक पदार्थ देने के एवज मे कुछ पैसो के लिए बिकने वाले पहरी विक्रम पर जेलर और जेल विभाग के उच्च अधिकारी कार्यवाही करते है या लीपापोती कर इस मामले को भी दबाने की कोशिश की जाएगी यह भविष्य की गर्त मे छुपा हुआ है l