सिवनी (Seoni), राष्ट्रबाण। हत्या के आरोप में जेल गए कमरुद्दीन (Kamaruddin) के जेल से छूटते ही अतिक्रमण में लगी दुकान उसके द्वारा पुनः शुरू कर दी गई है। दुकान में गुंडागर्दी (hooliganism) का पूरा रुबाब नजर आ रहा है। जेल से छूटने के बाद एक बार फिर शराब दुकान के सामने कमरुद्दीन उर्फ़ कामरु की दुकान में मारपीट और गुंडागर्दी की घटना सामने आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 19 अगस्त 2024 को कमरुद्दीन की दुकान में काम करने वाले लड़के द्वारा एक युवक से मारपीट कर घायल अवस्था में दीवार से टिका का छोड़ दिया गया। प्रत्यक्षदर्शी की माने तो हमला चाकू से किया गया था जिससे बचते हुए युवक नाली में गिर गया और बुरी तरह जख्मी हो गया। जख्मी युवक के शरीर से खून निकला जिसे पानी से साफ कर उसे समीप में दीवार के किनारे टिका कर छोड़ दिया गया।
फ़िलहाल घायल युवक अज्ञात है और घटना की जानकारी से पुलिस से पुलिस इंकार कर रही है। लेकिन वायरल वीडियो में एक पुलिसकर्मी नजर आ रहा है, पास में पुलिस की गाड़ी खड़ी है जिसका नंबर MP 03 A 1992 है। पुलिसकर्मी और कमरू वीडियो में बात करते नजर आ रहे है। ज्ञात हो की 29 मई 2024 को कमरुद्दीन द्वारा अपनी ही दुकान में काम करने वाले विजय बघेल की पीटकर कर हत्या कर दी गई थी, जिस पर पुलिस ने गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज का जेल पहुँचाया था।
अतिक्रमण हटाने में क्यों डर रहा जिला व् नगरीय प्रशासन
कमरुद्दीन द्वारा अतिक्रमण कर दुकान संचालित की जा रही है। इस दुकान को तत्कालीन कलेक्टर द्वारा हटाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन नगरीय प्रशासन ने हटाने में कोई रूचि नहीं दिखाई। सूत्रों की माने तो कमरुद्दीन, नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान का संरक्षण प्राप्त गुर्गा है। इसके संरक्षण में कमरू की दुकान हटाने का साहस नगर पालिका नहीं जुटा प् रही है।
…और कितनी घटनाओ का इंतजार
कमरुद्दीन की दुकान में विवाद के चलते 29 मई 2024 को विजय बघेल (Vijay Baghel) की जान चली गई, यह मामला लोग अभी भूले भी नहीं है की 19 अगस्त 2024 को एक और विवाद का वीडियो सामने आया है। जिसमे युवक को मार कर बेहोशी की हालत पर छोड़ दिया गया। बता दें की विजय बघेल को भी इसी तरह से मार कर दीवार से टिका दिया गया था। एक बार फिर ऐसी घटना को अंजाम देने का प्रयास किया गया है। जबकि शासन को जरुरत है की वह कमरुद्दीन के अतिक्रमण को हटा कर ऐसे विवाद और घटनाओं पर रोक लगाए। लेकिन शायद जिला प्रशासन और नगरीय प्रशासन अभी दर्जनों मौत का इंतजार कर रहा है। जब नगर में ऐसी घटनाओं पर हिंसा भड़केगी तब जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नींद से जागेगा।