नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। यदि आप बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो आपको पैनल्टी का भुगतान करना होता है। बैंक खाते में न्यूनतम राशि कितनी रखनी है इसके लिए हर बैंक के यहां अलग-अलग राशि निर्धारित है। बैंकों में न्यूनतम राशि एक हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक है। वैसे ज्यादातर सरकारी बैंकों में एक हजार से पांच हजार रुपए तक मासिक बैलेंस रखना होता है, वरना जुर्माना लग जाता है। यह जुर्माने की राशि प्रति खाताधारक 50 से लेकर 300 रुपए तक देखने को मिल जाती है। इसी जुर्माने की राशि से बैंकों ने इस वित्तीय वर्ष में 2331 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय की है।
पीएनबी के वारे-न्यारे
आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने में विफल रहने पर सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों के खाताधारकों से कुल मिलाकर 2,331 करोड़ रुपये का शुल्क लिया गया है। ये 11 बैंक हैं- बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने ग्राहकों से सबसे ज्यादा 633.4 करोड़ रुपये जुटाए, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने 386.51 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक ने 369.16 करोड़ रुपये वसूले।
आरबीआई यह कहता है
बता दें कि आरबीआई के नियमों के मुताबिक, बैंकों को खाता खोलते समय ग्राहकों को न्यूनतम शेष राशि के बारे में सूचित करना आवश्यक है। आरबीआई के नियम यह भी कहते हैं कि बैंक की ओर से बाद में किये जाने वाले किसी भी बदलाव की सूचना भी खाताधारकों को दी जानी चाहिए। इसके अलावा, आरबीआई के मानदंड बैंकों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी बाध्य करते हैं कि यदि किसी के खाते में न्यूनतम शेष राशि नहीं है तो उसके खाते से जुर्माने की राशि ऐसे नहीं वसूली जाए कि बचत खाते में राशि नकारात्मक शेष को छू जाए।
एसबीआई ने जुर्माना वसूलना बंद किया
उदाहरण के लिए यदि एक हजार रुपए मिनिमम राशि है और बैंक खाते में 24 रुपए पड़े हैं तो बैंक जुर्माने की 25 रुपए की राशि काट लेगा तो खाते में माइनस एक रुपया हो जायेगा। ऐसी स्थिति में बैंक अपने जुर्माने की राशि तब वसूलता है जब उस खाते में और रकम आ जाये। वैसे, हम आपको यह भी बता दें कि देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने वित्त वर्ष 2020 से न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना वसूलना बंद कर दिया है।