नई दिल्ली (New Delhi), राष्ट्रबाण। उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice-President Jagdeep Dhankhar) ने हिंडनबर्ग (Hindenburg) मामले को लेकर इशारों इशारों में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Leader of Opposition Rahul Gandhi) पर निशाना साधा है। जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शुक्रवार को कहा कि हमारे युवाओं को उन ताकतों का समान रूप से खंडन करना चाहिए जो पक्षपातपूर्ण या स्वार्थ को हमारे राष्ट्र से ऊपर रखते हैं। हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते। जगदीप धनखड़ ने ये बातें एनएलयू दिल्ली (NLU Delhi) में आईपी कानून (IP Law) और प्रबंधन में संयुक्त मास्टर्स/एलएलएम डिग्री के पहले बैच को संबोधित करते हुए कहीं हैं। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान आगे चिंता व्यक्त की कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग सुप्रीम कोर्ट से एक ऐसे नैरेटिव पर स्वतःसंज्ञान लेने के लिए कह रहे हैं, जो हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है।
पढ़ाई को लेकर कोसा
जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने आगे कहा कि आप कानून के छात्र हैं,मैं आज आपको दो बातें बताकर जाना चाहता हूं। संस्था का क्षेत्राधिकार भारतीय संविधान (Indian Constitution) द्वारा परिभाषित किया गया है, चाहे वह विधायिका (Legislature) हो, चाहे कार्यपालिका (Executive)हो, चाहे न्यायपालिका (Judiciary) ही क्यों ना हो। न्यायालयों का क्षेत्राधिकार तय किया जाता है। दुनिया भर में देखें, यूएस में सर्वोच्च न्यायालय, यूके में सर्वोच्च न्यायालय या अन्य प्रारूपों को देखें।
अदालत का भी किया जिक्र
क्या एक बार भी स्वतः संज्ञान लिया गया है? क्या संविधान में जो प्रावधान है उससे परे कोई व्यवस्था बनाई गई है? संविधान मूल क्षेत्राधिकार, अपीलीय क्षेत्राधिकार प्रदान करता है। साथ ही साथ यह समीक्षा भी प्रदान करता है। क्या एक बार भी स्वतः संज्ञान लिया गया है? क्या संविधान में जो प्रावधान है, उससे परे कोई उपाय बनाया गया है? संविधान मूल क्षेत्राधिकार, अपीलीय क्षेत्राधिकार प्रदान करता है। यह समीक्षा भी प्रदान करता है, लेकिन हमारे यहाँ क्यूरेटिव पेटिशन भी है! यदि आप इन बारीकियों पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं, तो मुझे आश्चर्य होगा यह कौन करेगा। इसके बारे में आपको सोचना चाहिए।
पद की गरिमा पर सवाल
मुझे तब चिंता होती है, जब संवैधानिक पद पर बैठा कोई शख्स…जैसे पिछले ही हफ़्ते बहुप्रचारित मीडिया कैम्पेन में सुप्रीम कोर्ट से कहा गया, एक ऐसे नैरेटिव पर स्वतःसंज्ञान लेने के लिए, जो हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए उद्देश्य से फैलाया जा रहा है।