नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। महाराष्ट्र और झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आज शनिवार को सामने आ गए हैं। महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की है। वहीं, झारखंड में हेमंत सोरेन अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहे हैं।
महाराष्ट्र में भाजपा का कमाल
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने 133 सीटों पर शानदार जीत हासिल की है। भाजपा का यह प्रदर्शन शानदार रहा है। भाजपा राज्य में 149 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना 57 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है, जबकि अजित पवार की एनसीपी को 41 सीट हासिल की हैं। कुल मिलाकर 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने 234 सीटें अपने नाम की है। वहीं, झारखंड की बात करें तो यहां हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक ने 56 सीटों पर जीत हासिल की है। तमाम मेहनत के बावजूद भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को सिर्फ 24 सीटों से संतोष करना पड़ा है।
फडणवीस ने मतदाताओं को धन्यवाद दिया
महाराष्ट्र में महायुति की जीत के बाद मुख्यमंत्री के कई दावेदार हो गए हैं वहीं मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम की भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर किसी विवाद से इनकार किया और कहा कि महायुति के नेता इस बारे में फैसला करेंगे। फडणवीस ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम बताते हैं कि राज्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करता है। उन्होंने महिला मतदाताओं को भी धन्यवाद दिया। फडणवीस ने कहा, ‘‘जनता ने झूठा विमर्श गढ़ने और धर्म के आधार पर मतदाताओं को बांटने के विपक्ष के प्रयासों को विफल कर दिया।
शाह ने भी आभार जताया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की ऐतिहासिक जीत के लिए राज्य के लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि गठबंधन को इतना बड़ा बहुमत देकर लोगों ने संविधान के फर्जी शुभचिंतकों की दुकानें बंद करा दीं। शाह ने झारखंड में भाजपा को दूसरे दलों की तुलना में सबसे अधिक वोट देने के लिए राज्य की जनता को भी धन्यवाद दिया।
कांग्रेस ने कहा-महाराष्ट्र में षड्यंत्र
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को अप्रत्याशित करार देते हुए शनिवार को दावा किया कि विपक्ष को हराने के लिए षडयंत्र हुआ है और राज्य में (विपक्ष को) निशाना बनाकर समान अवसर की स्थिति को बिगाड़ा गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि झारखंड की जनता ने ध्रुवीकरण की राजनीति को ठुकराया है और देश के लिए सकारात्मक संदेश दिया है।
इस जीत के साइड इफेक्ट, मोदी का दबदबा बढ़ा
महाराष्ट्र चुनाव में मिली बंपर जीत ने भाजपा के हौंसले बढ़ा दिए हैं। इस जीत के बाद एनडीए के अंदर एक तरफ भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दबदबा और बढ़ेगा तो दूसरी तरफ सहयोगी पार्टियों का दखल कमजोर पड़ेगा। तेलुगुदेशम सुप्रीमों व आन्ध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू तथा जदयू अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब मोदी सरकार पर पहले की तरह दबाव बनाने या फिर मोलभाव करने की स्थिति में नहीं होंगे। अगले वर्ष के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। सियासी जानकार बताते हैं कि इस जीत के बाद भाजपा बिहार में जदयू के साथ सीट बंटवारे पर मनमाफिक बात करने की स्थिति में भी होगी।
अब भाजपा ही हिंदुत्व का झंडाबरदार
महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा ने प्रभावी जीत दर्ज की है तो ठाकरे परिवार को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। शिवसेना (यूबीटी) की हार रणनीतिक तौर पर भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगी। दरअसल हिन्दुत्व के झंडाबरदार रहे बाल ठाकरे के परिवार के कमजोर होने के बाद भाजपा के लिए प्रदेश में हिन्दुत्व की सबसे बड़ी चैंपियन बनने का रास्ता साफ हो गया है।
संसद सत्र चलाना होगा आसान
महाराष्ट्र में जीत के बाद संसद सत्र के संचालन में भी सत्तापक्ष को आसानी हो सकती है। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी का प्रदर्शन बेहतर रहने की स्थिति में विपक्षी पार्टियां संसद में गौतम अदाणी, मणिपुर, महंगाई जैसे मसलों पर कहीं ज्यादा आक्रामक होती, लेकिन इस हार के बाद विपक्षी दलों की गोलबंदी प्रभावित होगी और वक्फ बोर्ड विधेयक, एक देश-एक चुनाव जैसे विधेयकों पर विपक्ष का विरोध कमजोर पड़ेगा।
दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा को मिली ताकत
महाराष्ट्र में मिली जीत ने दिल्ली की भाजपा इकाई को भी चार्ज कर दिया है। अब भाजपा के नेता दो महीने बाद होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा कर रहे हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि महाराष्ट्र की जीत के बाद पार्टी कार्यकर्त्ताओं के हौंसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आप के नेतृत्व में भ्रष्टाचार का युग खत्म होने का समय आ गया है।
फिर लौटा समंदर, किनारे घर बसाए शिंदे के सामने बड़ा सवाल
महाराष्ट्र विधासभा चुनाव के नतीजों के बाद महायुति की महाजीत के तीन चेहरे सामने आए। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार। प्रेस कांफ्रेंस में तीनों चेहरों पर मुस्कान थी, लेकिन कसक भी..क्या कुर्सियों का यह क्रम बदल जाएगा? महाराष्ट्र की सियासी हवा में सवाल कई हैं। सस्पेंस कई हैं। महाराष्ट्र में दरअसल बीजेपी ने पहली बार ट्रिपल सेंचुरी लगाई है, लेकिन इस बार उसने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं।
अजित पवार को जीवनदान
अजित पवार को भी महाराष्ट्र की जनता ने जीवनदान दे दिया। वो खुद अपनी सीट तक जीत पाने का दावा नहीं कर पा रहे थे। अंत समय तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि परिवार के सदस्य के चुनाव लड़ने के कारण कोई भी फैसला आ सकता है। चाचा शरद पवार की परछाई से आज अजित पवार की खुद की पहचान बन गई और साफ हो गया कि अजित पवार ने शरद पवार का स्थान लगभग ले लिया है।
फडणवीस समुंदर की तरह लौटे
वहीं फडणवीस अपनी आदत के अनुसार शांत पर जोरदार दिखे। न तो अधिक उत्साह और न ही अपने साथियों को छोटा साबित करने का कोई अवसर उन्होंने दिया। सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के बाद भी एकनाथ शिंदे को पूरा सम्मान दिया। फड़णवीस ने कहा, “फर्जी कहानी प्रचारित करने और धर्म के आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के विपक्ष के प्रयासों को जनता ने विफल कर दिया। मतदाताओं, भाजपा टीम और पार्टी नेताओं के समर्थन के कारण विपक्ष के ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ने में हम सफल हुए। देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की विधानसभा में एक बार उद्धव ठाकरे को कहा था,’ मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समुंदर हूं, लौट कर वापस आउंगा’। आज 132 सीटे लाकर उन्होंने सच में जोरदार वापसी की है।