भोपाल, राष्ट्रबाण। सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए। राज्य सरकार के 5 लाख पेंशनर्स को बड़ी सौगात दी गई है। पेंशनर्स के महंगाई राहत भत्ते में बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण पुनर्वास राहत नीति 2023 को मंजूरी, पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियो को मिलने वाले भत्तों में वृद्धि की गई है। वहीं अब एसएएफ जवानों को भी बढ़ा हुआ भत्ता मिलेगा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण पुनर्वास राहत नीति 2023 को मंजूरी, पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों को मिलने वाले भत्तों में वृद्धि की गई है। वहीं अब एसएएफ जवानों को भी बढ़ा हुआ भत्ता मिलेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुलिस कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की थी उसमें हर महीने 15 लीटर पेट्रोल के लिए पैसे देने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दी है। यदि किसी पुलिसकर्मी का स्वयं का वाहन है। तो उसे भी उसकी पात्रता होगी। पौष्टिक आहार भत्ते की राशि 650 से बढ़कर 1000 रुपए स्वीकृत किया गया है। इसी तरह किट क्लोजिंग भत्ते को 2500-3000 से बढ़कर 5000 रुपेय प्रति माह किया गया है। 3 साल में दिए जाने वाले वर्दी नवीनीकरण की राशि को 500 से बढ़ाकर 2500 किया गया है। कानून व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों को मिलने वाले निशुल्क भोजन की दर 70 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपये प्रतिदिन की गई है।
एसएएफ जवानों को मिलेगा लाभ
एसएएफ की विशेष ड्यूटी में जो कर्मचारी लगते हैं उनको इस तरह की सुविधा नहीं मिल पातीं थीं लेकिन मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया है कि आरक्षक से लेकर निरीक्षक तक एसएएफ में किसी स्तर पर ड्यूटी कर रहे हैं उन सभी को इन सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
मध्यप्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण पुनर्वास राहत नीति 2023
कैबिनेट ने आज नक्सलियों को मुख्यधारा जोडऩे के लिए नई पॉलिसी को मंजूरी दी है। मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि किसी गलती के कारण यदि कोई व्यक्ति नक्सली गतिविधि में संलिप्त है और यदि वह आत्मसमर्पण करना चाहता है तो एक नई स्कीम की शुरुआत मध्यप्रदेश में हुई है। पहले इस तरह की योजना तेलंगाना, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में योजना थी। जिसमें किसी नक्सली गतिविधि में संलिप्त यदि कोई व्यक्ति आत्मसमर्पण करना चाहता है तो उसके लिए अलग तरह की योजना कई राज्यों में थी। उन सभी राज्यों की पॉलिसी पर पूरी तरह से विचार करके आज मध्य प्रदेश सरकार ने इस पॉलिसी की शुरुआत की है।
सका सीधा-सीधा मंतव्य ही है कि नक्सली गतिविधि में यदि कोई व्यक्ति गुमराह होकर लगा है और वह समाज की मुख्यधारा से जुडऩा चाहता है तो उसके लिए सरकार पूरी मदद करेगी। इसमें यह निश्चित किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति आत्मसमर्पण करता है उसको घर बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपये दिए जाएंगे। हथियार के साथ सरेंडर करता है तो 10000 से 400000 रुपये तक की मदद मिलेगी। विवाह के लिए 50000 रुपये प्रोत्साहन राशि, तत्कालिक आवश्यकता पूर्ति के लिए 500000 रुपये या पुलिस द्वारा उस पर जो राशि घोषित की गई थी की प्रतिपूर्ति। अचल संपत्ति के लिए 2000000 रुपये , व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए डेढ़ लाख रुपये और ऐसे व्यक्ति जो आत्मसमर्पण करते हैं वह प्रधानमंत्री की अभिनव योजना है आयुष्मान भारत का लाभ उसको मिलेगा और खाद्यान्न सहायता योजना का भी लाभ उसको मिलेगा। बताया जा रहा है कि यदि इस तरह की नक्सली गतिविधि में जुड़ा हुआ कोई व्यक्ति आत्मसमर्पण करता है और वह किसी दूसरे नक्सली के एनकाउंटर करता है। यदि उसकी गोपनीय रिपोर्ट ठीक आती है तो ऐसे व्यक्ति को जोन पुलिस महानिरीक्षक की अनुशंसा और पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन के बाद आरक्षक के पद पर नियुक्ति देने का भी प्रावधान किया गया है।
सीएमआईई की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश न्यूनतम बेरोजगारी दर में शामिल, स्वरोजगार योजनाओं से मिला लाभ साथ ही यदि ऐसी किसी नक्सली गतिविधि के कारण घटना के कारण यदि आम जन की मृत्यु होती है। तो पीडि़त परिवार को 15 लाख रुपये की अनुदान राशि, सुरक्षाकर्मी के परिवार को 20 लाख रुपये , शारीरिक अक्षमता पर 4 लाख रुपये की सहायता देने का प्रावधान भी इस पॉलिसी में किया गया है। आम जन की मृत्यु होने पर उसके परिवार के कोई सदस्य को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति देने का भी प्रावधान इस योजना में किया गया है। उसके साथ ही अचल संपत्ति की पूर्णता क्षति होने पर डेढ़ लाख रुपए एवं आंशिक क्षति होने पर 50000 रुपये की सहायता राशि देने का इसमें प्रावधान किया गया है। मध्य प्रदेश में वैसे तो पूरी तरह से नक्सली गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाई है उसके बावजूद यदि कोई ऐसी गतिविधि चलती है व्यक्ति है तो उनको आत्मसमर्पण के लिए मार्ग प्रशस्त करने का काम मप्र सरकार ने किया है।
5 लाख पेंशनर्स को बड़ी सौगात
पेंशनर्स और उनके परिवारों को महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी के लिए आज कैबिनेट की बैठक में मुहर लगी है। इसमें मध्य प्रदेश के पेंशनर्स और उनके परिवारों को एक जुलाई 2023 से महंगाई राहत की दर में वृद्धि की गई है। जो पेंशनर सातवें वेतनमान वाले हैं उनको 42 प्रतिशत और जो छठवें वेतनमान वाले हैं उनको 221 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए इसका लाभ देने का फैसला लिया गया है। महंगाई राहत वृद्धि से लगभग सरकार के खजाने में 410 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार संभावित है।
नर्सिंग कॉलेजों में 305 नए पद
वहीं मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में लगातार पदों को सृजित करने की डिमांड की जा रही थी। इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों के अनुसार इन सभी नर्सिंग कॉलेजों में नए पदों की जरूरत भी महसूस की जा रही थी। आज की कैबिनेट की बैठक में 305 नए पदों को सृजित करने का निर्णय लिया गया है अब तक केवल 28 पद थे।
जिला पंचायत सदस्यों के मानदेय में भी बढ़ोतरी
बताया जा रहा है कि पंचायत आंदोलन से जुड़े जनप्रतिनिधियों को आज सीएम ने बड़ी सौगात दी है। सीएम की मंशा के अनुसार उन्होंने जो पहले कहा था। जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय जो 4500 रुपए हुआ करता था उसे बढ़ाकर 13500 किया गया है। कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में 771 जनप्रतिनिधियों को इसका फायदा मिलेगा। इसी तरह जनपद सदस्य का मानदेय 1500 रुपए से बढ़कर 4500 किया गया है। इसमें कुल 6145 जनपद सदस्यों को इसका लाभ मिलेगा।
7 नए कॉलेजों को मिली स्वीकृति
कैबिनेट में 7 नए महाविद्यालय की स्वीकृति दी गई है । इनमें कोठी जिला सतना, बेहट जिला ग्वालियर, बगराजी जिला जबलपुर, शाहपुर जिला सागर, खोरा जिला पन्ना, कम्पेल जिला इंदौर, बसई जिला दतिया में नए सरकारी कॉलेज खुलेंगे।