नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। भारत के लिए गर्व की बात है कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर लैंड कर चुका है। लेकिन इसके पहले चांद पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद को भी कचरा करने से नहीं छोड़ा। दरअसल एक रिपोर्ट के मुताबिक
चांद पर अब तक दुनियाभर के 12 अंतरिक्ष यात्री पैर जमा चुके हैं, रातें काट चुके हैं और कार तक घुमा चुके हैं। लेकिन, जब वे वापस धरती पर आए तो उन्होंने बहुत सारा कचरा चांद पर छोड़ दिया। इसमें मानव मल, इंसानी राख, फोटो फ्रेम, गोल्फ की गेंद और बहुत सारा कचरा शामिल है। तकरीबन 200 टन कबाड़ चांद पर धरतीवासी छोड़ चुके हैं। आपको बता दें कि रोवर ने चांद की सतह पर अपना काम भी शुरू कर लिया है। रोवर के पास धरती के सिर्फ 14 दिन शेष हैं। चांद पर इंसानों की नजर 1950 से रही है। रूस ने इसी साल पहला यान लूना-1 चंद्रमा के करीब से गुजारा था। इसके कुछ साल बाद 1959 में रूस ने एक और यान चांद की तरफ भेजा और यह पहला मौका था जब धरती में बने किसी यान ने चांद पर लैंड किया। फिर अमेरिका ने 1969 में इंसान को चांद पर उतारकर इतिहास रच दिया। अब तक ऐसे कई अभियान हो चुके हैं फिर भी, चांद धरती वासियों के लिए रहस्य बना हुआ है। आपको बता दें कि जैसे ही चांद पर पहला कदम रखने वाले नासा के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और एडविन ‘बज़’ एल्ड्रिन ने पृथ्वी पर अपनी वापसी यात्रा शुरू की, उन्होंने चंद्र मॉड्यूल से उन सभी चीजों का निपटान किया जिनकी उन्हें आवश्यकता नहीं थी। वे सारा कचरा चांद पर ही छोड़ आए।
चांद पर नील आर्मस्ट्रांग की टीम ने छोड़ा ट्यूब…
सबसे पहले नील आर्मस्ट्रांग की टीम ने चांद पर छोड़ा था, इस ट्यूब में अमेरिकी ध्वज को लपेटा गया था, वह टीवी कैमरा जिसका उपयोग उन्होंने फुटेज को पृथ्वी पर वापस भेजने के लिए किया था और वे उपकरण जिनका उपयोग उन्होंने चंद्रमा की चट्टान और धूल को इकट्ठा करने के लिए किया था। वे सब वे छोड़ आए।
इसके बाद हुए अपोलो मिशनों में, चंद्रमा पर कई चीज़ें छोड़ दी गईं, जिनमें अनुमानित 4 लाख पाउंड वजन की चीज़ें शामिल थीं।
मानव मल के मिले 96 बैग..
चंद्रमा पर मानव अपशिष्ट के कुल 96 बैग हैं। वैज्ञानिक एक दिन इसे पृथ्वी पर वापस लाने के इच्छुक हैं, ताकि यह अध्ययन किया जा सके कि चंद्रमा पर इसके समय ने इस कचरे पर क्या प्रभाव डाला है, लेकिन अभी यह चंद्रमा की सतह पर बैगों में पड़ा हुआ है।