नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। नई दिल्ली में एक एक सिरफिरे मरीज ने डॉक्टर को ही घायल कर दिया। इस मामले में डॉक्टर द्वारा सिर्फ मरीज का कैनुला नही निकाला गया था ऐसे में नाराज मरीज ने डॉक्टर पर पेचकस से हमला कर दिया। वो तो गनीमत रही कि मौके पर मौजूद एक शख्स ने डॉक्टर की जान बचा ली है। दरअसल यह पूरी घटना सफदरजंग अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग में काम करने वाले 26 वर्षीय डॉक्टर के साथ हुई है। इस हमले में डॉक्टर की गर्दन, पेट और उंगलियों में चोटें आईं हैं। पुलिस ने बताया कि सोमवार को डॉक्टर पर मरीज ने तब हमला किया जब उन्होंने उसे बांह में लगे कैनुला को निकालने के लिए नर्स की मदद लेने को कहा था। डॉक्टर की पहचान राहुल कालेवा के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि घटना के समय वह काफी व्यस्त थे। इधर मरीज ने जल्द कैनुला निकालने की मांग की। इनकार करने पर उनपर हमला कर दिया। पीड़ित डॉक्टर को एक सहकर्मी ने बचाया जिसके बाद सुरक्षा गार्डों ने कथित हमलावर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। हमलावर पर हत्या के प्रयास और सरकारी काम के पालन में जानबूझकर बाधा पैदा करते हुए एक लोक सेवक पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि डॉक्टर की शिकायत पर सफदरजंग एन्क्लेव पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 186, 353 और 333 के तहत मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के अनुसार, डॉक्टर ने बताया है कि वह मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं और अपने दोस्तों के साथ दक्षिण दिल्ली के हौज खास में किराए के मकान में रहते हैं। कलेवा सफदरजंग अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग में काम करते हैं। सोमवार (4 सितंबर) को उनकी ड्यूटी आपातकालीन विभाग में थी। दोपहर करीब एक बजे एक मरीज इलाज के लिए अस्पताल आया। कुछ मिनट बाद, मरीज, जिसका नाम एफआईआर में लिखा नहीं गया है, डॉक्टर के पास पहुंचा और उससे अपनी बांह से कैनुला हटाने के लिए कहा। जैसे ही डॉक्टर ने उसे नर्सिंग स्टाफ से कैनुला निकलवाने के लिए कहा तो मरीज हिंसक हो गया और उनके साथ गाली-गलौज और हाथापाई करने लगा। मरीज ने पेचकस जैसी दिखने वाली एक चीज निकाली और डॉक्टर को धमकी देते हुए कहा कि वह उसे मार डालेगा। उसने जान से मारने की नीयत से डॉक्टर की गर्दन और पेट पर हमला कर दिया। मारपीट में डॉक्टर के दाहिने हाथ की दो अंगुलियों में चोट लग गई। सिद्धार्थ नाम के एक साथी डॉक्टर ने हस्तक्षेप किया और कलेवा को मरीज से बचाया। एक सुरक्षा गार्ड भी दौड़ा और मरीज को काबू कर लिया। एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस को सूचित किया गया और मरीज को कानूनी कार्रवाई के लिए उन्हें सौंप दिया गया।